सरकार ने गरीबों की मदद के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. लेकिन संकट की भयावहता को देखते हुए यह बेहद अपर्याप्त है. मोटे तौर पर घोषित 1.7 लाख करोड़ रु. में से 70 हजार करोड़ मौजूदा आवंटन का ही हिस्सा है. इस प्रकार अतिरिक्त आवंटन केवल एक लाख करोड़ रु. ...
...कुछ मामलों में लोग इस अच्छी पहल को समझ नहीं पा रहे हैं. इसमें एक तो हैं आंदोलन करने वाले प्रदर्शनकारी, जो स्थिति की गंभीरता को समझ नहीं रहे हैं और अपना प्रदर्शन फिलहाल छोड़ने को तैयार नहीं हैं. दूसरा है प्रार्थना स्थलों पर साप्ताहिक प्रार्थना जारी ...
ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर भारतीय आपस में असहमत हैं और प्राय: बहुत ही जोरदार ढंग से. लेकिन याद रखने वाली महत्वपूर्ण बात यह है कि इन असहमतियों के बावजूद, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मुद्दों को सुलझाने के लिए हमारे पास पर्याप्त साधन हैं. इनमें गणतंत ...
2019 के लोकसभा चुनाव में इसी दिल्ली के मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी और भाजपा के पक्ष में भारी मतदान किया था. यह मतदान पैटर्न मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में भी देखा जा सकता है. ...
यह विशेष तौर पर उस पार्टी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है जो सुशासन के वादे पर ही नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई थी और विकास या आर्थिक उन्नति जिसका ध्येय था. ...
भाजपा का यह बहिष्कारवादी दृष्टिकोण हिंदू धर्म के पोषित सिद्धांतों के एकदम खिलाफ है. इसे रेखांकित किया जाना जरूरी है क्योंकि महात्मा गांधी ने सभी धर्मो से सर्वश्रेष्ठ ग्रहण किया था, विशेष रूप से हिंदू धर्म की उदारता से प्रेरणा ली थी. ...
अपनी नागरिकता साबित करने के लिए सही दस्तावेज जुटाने की कवायद का गरीबों और समाज के कमजोर वर्गो पर ज्यादा बोझ पड़ता है, विशेष रूप से महिलाओं पर. हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग इसमें शामिल हैं. ...
2019 के चुनाव में जीत के बाद से भाजपा के एजेंडे को देखने पर यह बात स्पष्ट हो जाती है. देश के लिए अच्छा हो या नहीं, पार्टी के घोषणापत्र में कही गई बातों को बहुत जल्दबाजी में लागू किया जा रहा है. ...