एक व्यक्ति किसी विचारधारा से प्रभावित होकर किसी राजनीतिक दल से जुड़ता है. वह दल कुछ वर्षो में उस व्यक्ति को एक ऐसा ओहदा देता है जिसे हासिल करना करोड़ों की सबसे बड़ी तमन्ना होती है. लेकिन उस पद पर आने के साथ उसके लिए संवैधानिक नैतिकता का तकाजा होता ह ...
संसदीय प्रणाली में यह माना जाता था कि जिस दिन से कोई सांसद या विधायक स्पीकर के पद की शपथ लेगा उसी दिन से वह अपनी पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता को तिलांजलि देकर निष्पक्ष भाव से काम करेगा. लेकिन पिछले 70 साल में यह भाव न तो किसी राज्यपाल में दिखा न ही स् ...
दुनिया भर की 130 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था (भारत तीन ट्रिलियन डॉलर के साथ पांचवें स्थान पर आ गया है) दिखा कर हम आर्थिक विकास पर सीना फुला लेते हैं जबकि दुनिया के 25 करोड़ बच्चे (जिनमें अधिकांश भारत के हैं) जन्म के दो साल के समय में अभाव के कारण प ...
चीन में अगर सरकार के अदना से कर्मचारी ने ऐलान कर दिया कि कोई घर से नहीं निकलेगा तो भूख से तड़पने के बावजूद कोई इसके उल्लंघन की हिमाकत नहीं करेगा. पर भारत में संभव है कि ऐसे ऐलान को भी मोदी सरकार का ‘हिटलरशाही रवैया’ मान कर एक बड़ा वर्ग फिर से ‘धरने’ ...
भाजपा-शासित राज्यों खासकर यूपी और बिहार में स्थिति और खराब है. लेकिन सरकार को अपने निकम्मेपन पर शायद ही पछतावा हो. केंद्र की इस फ्लैगशिप योजना के चार साल बाद भी केवल 23 फीसदी किसान बीमा करवाते हैं. जिसे देखते हुए केंद्र ने यह भी फैसला लिया कि वह कुल ...
संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और लांसेट की रिपोर्ट, जिसे दुनिया के 40 से ज्यादा स्वास्थ्य व किशोर विशेषज्ञों ने तैयार किया है, के अनुसार भारत अपने बच्चों की खुशहाली और स्वास्थ्य के पैमाने पर दुनिया के 180 देशों में 131 वें स्थान प ...
देश की जनता ने तो एक बार ही नहीं दो बार (2014 और 2019 के आम-चुनावों में) अपना पूरा प्रेम और विश्वास उंड़ेल कर वर्तमान सत्तापक्ष-भाजपा को निर्द्वद्व बना दिया. एक सम्यक और समग्र विकास के लिए और क्या चाहिए? न तो विपक्ष खासकर वर्तमान कांग्रेस में टकराने ...
केजरीवाल सरकार ने विकास की सीढ़ी के जरिये जनता के दिलों में घर किया. लिहाजा आने वाले दिनों में तीन स्थितियां बन सकती हैं : दिल्ली का विकास मॉडल पूरे देश की सरकारों के लिए एक अनुकरणीय प्रयास बने. बदलती जन-अपेक्षाएं राजनीतिक वर्ग को मजबूर करें कि वे जा ...