औरंगाबाद निवासी श्रीमती नरेंद्र कौर छाबड़ा राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हिंदी लेखिका हैं. आपकी कहानियां, लघु कथाएं, लेख, कविताएं आदि देश के सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते हैं. आपके अनेक कहानी संकलन भी प्रकाशित हो चुके हैं.Read More
अगर इस दिन को केवल प्रेम के रूप में देखें, इस पर विचार करें तो हम पाएंगे कि प्रेम में अनेक शक्तियां हैं. प्रेम एक सुगंध है जो मन को प्रसन्न रखती है. प्रेम एक मिठास है जिसका जितना स्वाद लो वह बढ़ता ही जाता है. प्रेम इंद्रधनुष है जो संसार के प्राणियों ...
इसी दिन ज्ञान व विद्या की देवी सरस्वती का जन्म हुआ था. मान्यता है कि इस दिन अगर कोई छात्र मां सरस्वती की आराधना करता है तो उसे मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त हो जाती है. ...
गुरु गोबिंद सिंहजी समग्र मानवता के कवि थे. उनकी कविता में ज्ञान, भक्ति, सेवाभाव, वीरधर्म, प्रेम, प्रकृति और मानव सौंदर्य सभी को स्थान प्राप्त है. वे भक्त भी थे बादशाह भी थे. संत भी थे, योद्धा भी थे. कवि भी थे, परदु:ख कातर भी थे. उनका दृढ़ विश्वास था क ...
आनंदपुर साहिब में गुरु गोबिंद सिंहजी के शूरवीर और मुगल सेना के बीच कई माह से घमासान युद्ध जारी था. ऐसे में औरंगजेब ने गुरुजी को पत्र लिखा कि यदि आप आनंदपुर का किला खाली कर दें तो आपको बिना किसी रोक-टोक के यहां से जाने दिया जाएगा. ...
दशहरा या विजयादशमी के त्यौहार में दस शब्द पर ही विशेष बल दिया गया है. प्राय: पौराणिक कथाओं को पढ़कर लोग यह समझते हैं कि रावण दस सिरों वाला था और उसके हारने के कारण इस त्यौहार का नाम दशहरा रखा गया है. ...
क्या ऐसा संभव है कि मनुष्य के धड़ पर हाथी का सिर हो. मेडिकल साइंस के पास इसका कोई जवाब नहीं है. असल में गणोशजी के इस स्वरूप के पीछे गहरा आध्यात्मिक रहस्य समाया हुआ है ...
जहांगीर ने उल्टे-सीधे आरोप लगाकर गुरुजी को गिरफ्तार कर लिया. उनसे अपनी मर्जी करवाने की कोशिश की गई लेकिन गुरुजी ने झूठ का साथ देने की बजाय शहादत का रास्ता चुना. जहांगीर ने उन्हें लाहौर के हाकिम मुर्तजा खान के हवाले कर दिया. ...