औरंगाबाद निवासी श्रीमती नरेंद्र कौर छाबड़ा राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हिंदी लेखिका हैं. आपकी कहानियां, लघु कथाएं, लेख, कविताएं आदि देश के सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते हैं. आपके अनेक कहानी संकलन भी प्रकाशित हो चुके हैं.Read More
गणोशजी का बड़ा सिर जो हाथी का है, बुद्धिमत्ता तथा विवेकशीलता का प्रतीक है. सभी जानवरों में हाथी को सबसे अधिक बुद्धिमान माना जाता है. तभी तो गणोशजी ने माता-पिता के चक्कर लगाकर संपूर्ण पृथ्वी की परिक्र मा करने की घोषणा की थी और विजय प्राप्त की थी. ...
world population day: बढ़ती आबादी के कारण केवल रोजगार या आवास की ही नहीं बल्कि खाने के लिए अनाज और पीने के लिए पानी की कमी भी होने वाली है. एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में 400 करोड़ लोगों को स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा है. इसमें 25 प्रतिशत भारतीय हैं. ...
हर वर्ष 26 जून को विश्व भर में नशा व मादक पदार्थ निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है. लोगों को नशे से मुक्त कराने और उन्हें जागरूक करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है. शराब, सिगरेट, तम्बाकू, ड्रग्स आदि का सेवन कर युवाओं का एक बड़ा हिस्सा नशे क ...
प्रकृति ने हमारे प्रति बहुत उदारता दिखाई है. बरसात का जल बिना किसी माप के गिरता है और हम बीज बो देते हैं. अगर यही जल किसी नहर, कुएं से लेना पड़े तो कितना बिल भरना पड़ेगा! फसल को धूप चाहिए तो प्राकृतिक ऊर्जा का स्नेत सूर्य अपनी किरणों से अनाज को पकाता ...
मौजूदा परिस्थिति ने एक बार फिर संयुक्त परिवार के महत्व को सिद्ध किया है. लॉकडाउन के चलते कुछ परिवारों के सदस्य दूसरे शहरों में अटक गए हैं. उनकी मानसिक स्थिति का अंदाज सहज ही लगाया जा सकता है. जहां परिवार एकल हैं, दो-तीन सदस्य ही हैं उनकी बनिस्बत संयु ...
इसी दिन सिखों के दसवें गुरुगुरुगोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. प्रकृति का नियम है जब किसी जुल्म, अत्याचार, अन्याय की पराकाष्ठा होती है तो उसे हल करने के लिए कोई कारण भी बन जाता है. जब मुगल शासक औरंगजेब द्वारा अत्याचार, अन्याय की हर सीमा ...
बेशक कोरोना ने संसार भर को हिलाकर रख दिया है, फिर भी इन विकट परिस्थितियों में स्वयं को स्थिर, सहज और तनावमुक्त रखने की कोशिश जारी रखी जा सकती हैं, जिसका स्नेत है सकारात्मक सोच तथा आध्यात्मिकता. हमारे देश की संस्कृति में तो आध्यात्मिकता कूट-कूट कर समा ...
भारतीय संस्कृति में नारी को बहुत सम्मान दिया गया है. कहा गया है कि जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं. जिस प्रकार कोई भी पक्षी एक पंख से नहीं उड़ सकता, उसी प्रकार कोई भी देश या समाज स्त्री या पुरुष दोनों में से किसी एक वर्ग द्वारा उन ...