भाजपा के लिए सबक यह है कि उसके रणनीतिकारों को अपनी रणनीति पर दुबारा विचार करना चाहिए. शुरुआत तो उन्होंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘सबका विश्वास’ के नारे के साथ अच्छी की थी, लेकिन फिर उस दिशा में बढ़ने से उन्होंने अपने आपको रोक लिया. ...
हम अपने जीवन में आने वाले बदलावों का पहले से शायद ही अनुमान लगा पाते हैं और जब ये अचानक हमारे सामने आ जाते हैं तो हमारा मौजूदा कौशल पुराना पड़ जाता है तथा नया कौशल सीखना पड़ता है. इन नए कौशलों में साफ्टवेयर डेवलपमेंट, रोबोटिक्स प्रोसेस आटोमेशन, बिग ड ...
हमें समझना होगा कि लोगों की भावनाओं को भड़काने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है. बल्कि इस चक्कर में विकास के मुद्दे हाशिये पर चले जाते हैं. लोगों को सतत भय के माहौल में रखना और उनकी भावनाएं भड़काना हम वहन नहीं कर सकते. ...
वॉशिंगटन स्थित पर्यावरण संगठन ‘द अर्थ पॉलिसी इंस्टीटय़ूट’ का कहना है कि दुनिया भर में करीब एक ट्रिलियन प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल किया जा रहा है और हर साल समुद्र में 80 लाख टन प्लास्टिक बह कर पहुंचता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, भारत ...
सरकार का 102 लाख करोड़ रु. का निवेश ऊर्जा, सड़क, रेलवे, सिंचाई क्षेत्रों, ग्रामीण और शहरी बुनियादी परियोजनाओं, औद्योगिक बुनियादी ढांचे, बंदरगाह और हवाई अड्डे विकसित करने, खाद्य और कृषि प्रसंस्करण तथा दूरसंचार क्षेत्र में होना है. ...
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की एक रिपोर्ट के अनुसार, आज प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले 65 प्रतिशत बच्चे पूरी तरह से नई प्रकार की नौकरियों में काम करेंगे, जो कि अभी मौजूद नहीं हैं. ...
जैसा कि सबको मालूम है, सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के धार्मिक आधार पर पीड़ित हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मावलंबियों को भारत की नागरिकता देने वाला कानून है. यह एक तथ्य है कि सीएए मुस्लिम विरोधी कानून नहीं है. ...
ऐसे में धुआं भी अगर मिल जाए तो परिस्थिति और खराब हो जाती है तथा धुंध छा जाती है. दिल्ली में ऐसी ही स्थिति देखने को मिल रही है. वृक्षों की अंधाधुंध कटाई ने समस्या को और विकराल बना दिया है. ...