डॉ एस एस मंठा का ब्लॉग: मंदी दूर करने के रास्ते की बाधाएं

By डॉ एसएस मंठा | Published: January 15, 2020 10:14 AM2020-01-15T10:14:36+5:302020-01-15T10:14:36+5:30

सरकार का 102 लाख करोड़ रु. का निवेश ऊर्जा, सड़क, रेलवे, सिंचाई क्षेत्रों, ग्रामीण और शहरी बुनियादी परियोजनाओं, औद्योगिक बुनियादी ढांचे, बंदरगाह और हवाई अड्डे विकसित करने, खाद्य और कृषि प्रसंस्करण तथा दूरसंचार क्षेत्र में होना है.

Dr. S. S. Mantha's blog: The roadblocks to overcome the recession | डॉ एस एस मंठा का ब्लॉग: मंदी दूर करने के रास्ते की बाधाएं

डॉ एस एस मंठा का ब्लॉग: मंदी दूर करने के रास्ते की बाधाएं

वित्त मंत्री ने हाल ही में भारत की गिरती वृद्धि दर को संभालने के उद्देश्य से बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए पांच वर्षो में 102 लाख करोड़ रु. के निवेश की घोषणा की. क्या ऐसा बुनियादी प्रोत्साहन अर्थव्यवस्था में जान डाल  सकता है और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा दे सकता है?

माना जाता है कि बुनियादी ढांचे को मजबूत करने से रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं और इससे वृद्धि दर को बढ़ावा मिलता है. सरकार का 102 लाख करोड़ रु. का निवेश ऊर्जा, सड़क, रेलवे, सिंचाई क्षेत्रों, ग्रामीण और शहरी बुनियादी परियोजनाओं, औद्योगिक बुनियादी ढांचे, बंदरगाह और हवाई अड्डे विकसित करने, खाद्य और कृषि प्रसंस्करण तथा दूरसंचार क्षेत्र में होना है. इन परियोजनाओं में से 42 प्रतिशत पर अमल शुरू भी हो चुका है, 32 प्रतिशत की संकल्पना सामने आई है व बाकी का खाका तैयार है.

जहां तक इसके लिए वित्तीय संसाधन जुटाने का सवाल है, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्त वर्ष 2018-19 में 11.7 लाख करोड़ रु. का प्रत्यक्ष कर एकत्र किया है. जबकि इसी अवधि का सकल कर राजस्व 22.7 लाख करोड़ रु. है. केंद्रीय बजट 2018-19 में कुल सरकारी व्यय का अनुमान 24.42 लाख करोड़ रु. था. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते हैं, सामाजिक क्षेत्र में खर्च होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. जीएसटी के तहत माल की खपत या सेवा प्रदान करने पर लगाया गया कर केंद्र और राज्य के बीच 50:50 के अनुपात में विभाजित होता है. कई राज्यों को अभी तक इसमें से अपना हिस्सा नहीं मिला है. विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा शासित राज्यों की अपनी प्राथमिकताएं हो सकती हैं, जिससे जटिलताएं और बढ़ जाती हैं.

ऐसी जटिल परिस्थिति में, घाटा कैसे पूरा होगा और निवेश के लक्ष्य कैसे हासिल होंगे? राजनीतिक दल और कुछ अर्थशास्त्री अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में बड़े बुनियादी ढांचे पर खर्च को ही उपाय मानते हैं. लेकिन इसका सप्रमाण उत्तर किसी के पास नहीं है कि इससे अर्थव्यवस्था को कितना प्रोत्साहन मिलता है या कितना रोजगार पैदा होता है.

संभवत: यह समय है कि राज्य अपने हिस्से का बुनियादी ढांचे में निवेश करें, चाहे वह सड़क परिवहन, रेलवे या हवाई अड्डे या अन्य कोई क्षेत्र हो जिनसे रोजगार पैदा हो. सरकार को आधुनिकीकरण और नवाचार के लिए उद्योग क्षेत्र के दिग्गजों को भी मनाना चाहिए.

Web Title: Dr. S. S. Mantha's blog: The roadblocks to overcome the recession

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