श्रीलंका के जाफना के गांव में इंडिया की पीस टीम और टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम के आतंकियों के बीच एनकाउंटर चल रहा था। आतंकियों ने पूरे इलाके में बारूदी सुरंग बिछाई थी। भारत के इस शांति अभियान का नेतृत्व मेजर रामास्वामी कर रहे थे। जब मेजर रामास्वामी आतंकियों की ओर भाग रहे थे तभी एक गोली पहले उनके बांये हाथ पर लगी और दूसरी गोली सीने पर। सीने और हाथ पर गोली लगने के बाद भी बेखौफ मेजर रामास्वामी आतंकी पर झपटा मारकर उसका राइफल छीना और उसे मार गिराया। बेसुध हालात में भी रामास्वामी ने अपने टीम का मार्गदर्शन किया और उनकी टीम ने छह आतंकियों को मार गिराया।ये घटना है 25 नवंबर 1987 की। जिस दिन श्रीलंका में आतंकियों से सीधी मुठभेड़ के दौरान 46 वर्षीय मेजर रामास्वामी परमेस्वरन शहीद हो गये थे। मेजर रामास्वामी को 'ऑपरेशन पवन' का हीरो कहा जाता है। उनकी इस शहादत को नमम करते वीरता के सम्मान में मरणोपरांत उनको परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। मेजर रामास्वामी परमेश्वरन का जन्म 13 सितंबर, 1946 को बॉम्बे, महाराष्ट्र में हुआ था।