पाकिस्तान सीमा के पास तैनात किया जाएगा अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, भारतीय सेना ने लिया बड़ा फैसला
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: January 2, 2024 04:39 PM2024-01-02T16:39:53+5:302024-01-02T16:41:21+5:30
अनुबंध के अनुसार पहला हेलिकॉप्टर अमेरिका से फरवरी-मार्च में हिंडन एयर बेस पर पहुंचना शुरू होने की उम्मीद है। इसके बाद हेलिकॉप्टरों को ऑपरेशन के लिए जोधपुर के एक सैन्य स्टेशन पर तैनात किया जाएगा।
नई दिल्ली: भारतीय सेना पश्चिमी राजस्थान में पाकिस्तान सीमा के पास अपनी लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने जा रही है। एक अहम निर्णय में सेना ने जोधपुर में एक सैन्य स्टेशन पर अपने छह अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर तैनात करने का फैसला लिया है।
सैन्य अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि अनुबंध के अनुसार पहला हेलिकॉप्टर अमेरिका से फरवरी-मार्च में हिंडन एयर बेस पर पहुंचना शुरू होने की उम्मीद है। इसके बाद हेलिकॉप्टरों को ऑपरेशन के लिए जोधपुर के एक सैन्य स्टेशन पर तैनात किया जाएगा। अमेरिका में बना एएच 64ई अपाचे दुनिया का सबसे आधुनिक हेलिकॉप्टर है। अंधेरे में भी यह लड़ाकू हेलिकॉप्टर ऑपरेशन करने में सक्षम है। भारी मात्रा में हथियार ले जाने की क्षमता से लैस अपाचे एक मिनट में 128 लक्ष्यों पर निशाना साध सकता है।
बता दें कि भारतीय वायु सेना पहले से ही अमेरिका में बने इन घातक लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल कर रही है। पश्चिमी और उत्तरी दोनों सीमाओं पर भारतीय वायु सेना ने 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों को तैनात कर रखा है। अब थलसेना को भी जल्द ही 6 अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर मिलने वाले हैं। इसके साथ ही भारत के पास 28 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का बेड़ा हो जाएगा।
इसके अलावा भारतीय वायुसेना भी देश की हवाई सुरक्षा को और मजबूत करने और सीमा पार से होने वाली किसी भी हिमाकत का जवाब चंद मिनटों में देने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। भारतीय वायु सेना रणनीतिक रूप से अहम पाकिस्तान सीमा के पास स्थित राजस्थान के बीकानेर में नाल एयर बेस पर स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस मार्क 1 ए लड़ाकू जेट के अपने पहले स्क्वाड्रन को तैनात करने की तैयारी कर रही है। तेजस मार्क 1 ए लड़ाकू विमानों की पाक सीमा के पास तैनाती अगले साल अप्रैल-मई तक हो जाएगी।
सिर्फ यही नहीं भारतीय वायु सेना हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 156 प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर खरीदने जा रही है। इन्हें भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना द्वारा चीन और पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर तैनात किया जाएगा।