Lok Sabha Polls 2024: बिहार में सीटों का बंटवारा में 'इंडिया' गठबंधन में दिखने लगी दरार, जदयू 16 सीट से कम लेने को तैयार नहीं
By एस पी सिन्हा | Published: January 8, 2024 09:12 PM2024-01-08T21:12:15+5:302024-01-08T21:15:29+5:30
पटना में जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि जदयू तो 16 सीट पर लड़ेगी ही, इस पर कोई समझौता नहीं होगा। इसके बाद बिहार में जो सीट बचती है, उसे राजद, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टी आपस में बांट ले।
पटना: लोकसभा चुनाव को लेकर इन दिनों सियासत गरमायी हुई है। सभी पार्टियां अपने स्तर से चुनाव की तैयारी कर रही है। एक ओर जहां भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है। वहीं मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए एकजुट हुई विपक्षी पार्टियां सीट शेयरिंग को लेकर माथापच्ची कर रही हैं। बिहार में इंडिया गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग का मामला फंसता ही जा रहा है। जदयू अपने तेवर लगातार कड़ा करते जा रहा है। पहले दिल्ली से केसी त्यागी ने बयान दिया और अब पटना में जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि जदयू तो 16 सीट पर लड़ेगी ही, इस पर कोई समझौता नहीं होगा। इसके बाद बिहार में जो सीट बचती है, उसे राजद, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टी आपस में बांट ले।
पटना में आज पत्रकारों से बात करते हुए विजेंद्र यादव ने कहा कि फिलहाल 16 सीट पर जदयू के सांसद हैं। इस पर कोई समझौता नहीं होगा। सीटिंग सीट पर कोई बातचीत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जदयू के लिए 16 सीट छोड़ने के बाद भी 24 सीट कांग्रेस, राजद और वामपंथी पार्टियों के लिए बचते हैं। 24 सीट कम नहीं है। उन सीटों को वे पार्टियां आपस में बांट ले। उन्होंने कहा कि जदयू ने बिहार में राजद के साथ गठबंधन किया था। राजद के साथ कांग्रेस, वामपंथी पार्टियां तो पहले से थी हीं। इसलिए राजद उन पार्टियों से बात कर 24 सीटों की शेयरिंग का रास्ता तलाश ले।
विजेंद्र यादव ने कहा कि वैसे कुछ सीटों की अदला बदली हो सकती है। गठबंधन में कुछ त्याग करना पड़ता है। जदयू कुछ सीटों की अदला बदली करने को तैयार हो सकता है। लेकिन 16 सीट से कम लेने का कोई सवाल ही नहीं हैं। सीटिंग सीट पर कोई समझौता नहीं होगा। जीती हुई सीट जदयू नहीं छोड़ेगी। इससे पहले जदयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने दिल्ली में गठबंधन को लेकर कहा कि इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर कांग्रेस के रवैये से हम चिंतित हैं। चुनावी तैयारियों में भाजपा आगे निकलती जा रही है और कांग्रेस के कारण विपक्षी पार्टियों के गठबंधन में सीट शेयरिंग नहीं हो पा रहा है। सीट शेयरिंग में देरी नहीं होनी चाहिये।
उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस की स्थिति मजबूत है वहां सीट शेयरिंग में कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि वहां किसी दूसरी पार्टी को सीट देना नहीं है। लेकिन जिन राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियां मजबूत हैं, वहां कांग्रेस अनुपात से ज्यादा सीटें मांग रही है। यह अव्यवहारिक है। कांग्रेस को वस्तुस्थिति समझ कर सीट की डिमांड करनी चाहिये। केसी त्यागी ने कहा कि जदयू ने बिहार में पिछले लोकसभा चुनाव में 16 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार के सीट शेयरिंग में 16 सीट से कम पर हम बात करने को भी तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की डिमांड के कारण अगर परेशानी होती है तो बिहार में हम राजद के साथ मिलकर भाजपा को हराने में सक्षम हैं। ये बात कांग्रेस को समझना चाहिये।