जब वो ये गाना गा रही होंगी तो उन्हें शायद ही अंदाजा रहा होगा कि फेसबुक नाम की कोई चीज भी होती है..उन्होंने तो बस किसी की रिक्वेस्ट पर एक गाना गाया था जिसे मोबाइल पर रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डाल दिया गया ..ये तो सपने भी नहीं सोचा होगा…कि एक दिन म्यूजिक कंपनियां और मीडिया उन्हें खोज निकालेंगी…गाना गाने के ऑफर देंगी…आपको ये कहानी फिल्मी लग रही होगी…लेकिन ये असली कहानी है ..ये फिल्मी कहानी है रानू मंडल की ..जिन्हें अब रानाघाट की लता मंगेशकर कहते हैं...