काशी और बनारस नाम से मशहूर वाराणसी दुनिया के सबसे प्राचीन जीवित शहरों में शुमार किया जाता है। गंगा किनारे बसे हुए इस शहर का जिक्र वेद, पुराण, रामायण, महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भारतीय त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) में से काशी कि स्थापना ख़ुद भगवान शिव ने की है। अन्य मान्यता है कि काशी भोलेनाथ के त्रिशूल पर स्थित है। काशी को लेकर ऐसी ही कई अन्य मान्यताएँ प्रचलित हैं जिनका लब्बोलुआब यह है कि यह शहर भारतीय संस्कृति और सभ्यता का अहम केंद्र रहा है। काशी में गौतम बुद्ध ने अपना पहला प्रवचन दिया था। जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ ने काशी में जन्म लिया था। अघोर पंथ के सिद्ध पुरुष करपात्री जी महाराज, बाबा कीनाराम और अवधुत भगवान राम जैसे संतों की काशी कर्मभूमि रही है। कबीर और तुलसी जैसे भक्तिकालीन संतों की भी काशी ही कर्मभूमि रही है। भारतेंदु हरिश्चंद्र, प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, सुदामा पाण्डेय धूमिल, नामवर सिंह, काशीनाथ सिंह, गिरिजा देवी, उस्ताद बिस्मिल्ला खान, राजन-साजन मिश्र, बिरजू महाराज जैसी महान हस्तियाँ बनारस से जुड़ी रही हैं। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से सांसद हैं। Read More
याचिकाकर्ता राखी सिंह ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम पक्ष परिसर में उपलब्ध हिंदू प्रतीकों को मिटाने का प्रयास कर रहा है। यह याचिका अधिवक्ता मानबहादुर सिंह और राखी सिंह के वकील अनुपम द्विवेदी द्वारा दायर की गई है। ...
योगी आदित्यानाथ ने इस मामले पर एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर उसको (ज्ञानवापी परिसर को) मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा। जवाब में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब तक उच्च न्यायालय का निर्णय नहीं आ जाता, तब तक वो ज्ञानवापी मस्जिद ...
ASI survey Gyanvapi Mosque: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण पर लगी रोक को बृहस्पतिवार तक के लिए बढ़ा दिया है। अदालत इस मामले में कल अपराह्न साढ़े तीन बजे सुनवाई करेगी। ...
बीते दिनों वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे कराने का आदेश दिया था। इसकी रिपोर्ट 4 अगस्त पर जिला कोर्ट को देनी थी। अदालत के इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इसपर रोक लगाए जाने की अपील की। ...