बैशाखी को 'वैसाखी' भी कहा जाता है। बैसाखी को भारत में कई कारणों से एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। किसानों के लिए फसल उत्सव के रूप में महत्वपूर्ण होने के अलावा, यह त्योहारसिख धर्म में खालसा पंथ के स्थापना दिवस के रूप में महत्वपूर्ण है। इसके अलावा ज्योतिषीय कारणों से भी शुभ बैसाखी का महत्व है। बैसाखी का त्यौहार हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है। Read More
बैसाखी के दिन फसल पक कर तैयार होती है। चारों ओर खुशी का माहौल होता है। फसल पकने का ये पर्व असम में भी मनाया जाता है जहां इसे बिहू कहते हैं। वहीं बंगाल में भी इस पर्व को बैसाख कहते हैं। ...
बैसाखी पर्व को मनाने के पीछे दो खास वजहें हैं - पहला, इस दिन सिख धर्म के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी और दूसरा, किसान इस दिन को अपनी पकी हुई फसल के कटने की खुशी में मनाते हैं। इसलिए पंजाब में कई जगह इस अवसर पर मेले लगते ...
बैसाखी पर्व को मनाने के पीछे दो खास वजहें हैं - पहला, इस दिन सिख धर्म के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी और दूसरा, किसान इस दिन को अपनी पकी हुई फसल के कटने की खुशी में मनाते हैं। ...
देश की आजादी के इतिहास में 13 अप्रैल का दिन एक दुखद घटना के साथ दर्ज है। वह वर्ष 1919 का 13 अप्रैल का दिन था, जब जलियांवाला बाग में एक शांतिपूर्ण सभा के लिए जमा हुए हजारों भारतीयों पर अंग्रेज हुक्मरान ने अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं। पंजाब राज्य के अमृ ...