Vaisakhi 2020: कब है बैसाखी? जानिए क्यों मनाया जाता है ये पर्व
By मेघना वर्मा | Published: April 11, 2020 10:56 AM2020-04-11T10:56:44+5:302020-04-11T10:56:44+5:30
माना जाता है कि इस दिन सिक्खों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह ने साल 1699 में बैसाखी के दिन ही आनंदपुर साहिब में खालसा पंत की नींव रखी थी।
बैसाखी का पर्व पंजाब कुछ प्रमुख पर्वों में से एक है। लॉकडाउन के चलते इस बार बैसाखी का पर्व पर भी असर देखने को मिलेगा। बैसाखी पंजाब और हरियाणा में इस दिन काफी रौनक देखने को मिलती है। इसी दिन गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।
इस साल बैसाखी का पर्व 13 अप्रैल दिन सोमवार को पड़ रहा है। मान्यता है कि इस दिन सिक्खों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह ने साल 1699 में बैसाखी के दिन ही आनंदपुर साहिब में खालसा पंत की नींव रखी थी।
है प्रमुख कृषि पर्व
बैसाखी पर्व को कृषि का प्रमुख पर्व भी कहा जाता है। इस दिन फसल पक कर तैयार होती है। चारों ओर खुशी का माहौल होता है। फसल पकने का ये पर्व असम में भी मनाया जाता है जहां इसे बिहू कहते हैं। वहीं बंगाल में भी इस पर्व को बैसाख कहते हैं। केरल में ये पर्व विशु कहलाता है।
होती है मेष संक्रांति
हिन्दू धर्म में भी इस दिन का काफी महत्व है। बैसाखी पर फसल कटने के बाद जहां लोग नए वर्ष के आगमन का जश्न मनाते हैं वहीं बैसाखी के दिन मेष संक्रांति भी कहा जाता है। इस दिन सूर्य मेष राशि में संक्रमण करता है इसीलिए इसे मेष संक्रांति भी कहते हैं।
मां गंगा का हुआ था धरती पर अवतरण
हिन्दू धर्म के अनुसार बैसाखी के ही दिन मां गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था। इसी वजह से इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की अपनी परंपरा रही है। इस दिन गंगा आरती गाना भी शुभ माना जाता है। मगर इस बार लॉकडाउन के चलते ऐसा नहीं हो सकेगा।