एजीआर मामला: कुल मिला कर 15 कंपनियों पर सरकार का सांविधिक बकाया 1.47 लाख करोड़ रुपये था। इनमें 92,642 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क और 55,054 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल के बकाए का है। ...
टेलीकॉम इंडस्ट्री की मांग है कि एजीआर को दो भागों में विभाजित करना चाहिए. इसमें मुख्य दंड राशि और ब्याज राशि अलग हो. अधिकारी ने बताया कि रविवार की बैठक में मुख्य दंड राशि और ब्याज राशि को अलग करते हुए वसूली के बिंदु पर चर्चा हो सकती है. ...
यह प्रस्ताव तेजी से फैलते सोशल मीडिया क्षेत्र में उपयोगकर्ताओं को लेकर जानकारी नहीं होने जैसे मुद्दों से निपटने के उद्देश्य से किया गया है। सोशल मीडिया कंपनियों के लिये मौजूदा नियमों में संशोधन के हिस्से के तौर पर पहली बार यह प्रस्ताव किया गया है। ...
भारत में जियो को छोड़कर सभी टेलीकॉम कंपनियां आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही हैं। इसी को देखते हुए ये कंपनियां अपने एक महीने वाले टैरिफ प्रीपेड प्लान को जल्द बढ़ा सकती हैं। कंपनियां इनमें प्लान्स बढ़ोतरी करके अपनी कमाई बढ़ाना चाहती हैं। ...
पिछले साल अक्टूबर में आए उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दूरसंचार विभाग ने जो अनुमान लगाया है कि उसके अनुसार 15 दूरसंचार कंपनियों पर कुल देनदारी 1.47 लाख करोड़ रुपये की बनती है। इसमें जुर्माना और ब्याज भी शामिल है। ...
TRAI की ओर से नवंबर 2019 के लिए जारी किए गए आकड़ों के मुताबिक रिलायंस जियो नवंबर 2019 में देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बन गई है। नवंबर में उसके मोबाइल ग्राहकों की संख्या 36.9 करोड़ रही। दूरसंचार नियामक ट्राई के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। ...