आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया कंपनियों के सामने रखा प्रस्ताव, कहा- एक्टिव मोबाइल नंबरों का अलग डेटाबेस रखना होगा

By भाषा | Published: January 30, 2020 06:31 PM2020-01-30T18:31:44+5:302020-01-30T18:31:44+5:30

यह प्रस्ताव तेजी से फैलते सोशल मीडिया क्षेत्र में उपयोगकर्ताओं को लेकर जानकारी नहीं होने जैसे मुद्दों से निपटने के उद्देश्य से किया गया है। सोशल मीडिया कंपनियों के लिये मौजूदा नियमों में संशोधन के हिस्से के तौर पर पहली बार यह प्रस्ताव किया गया है।

IT ministry proposal for social media companies, saying - a separate database of active mobile numbers has to be kept | आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया कंपनियों के सामने रखा प्रस्ताव, कहा- एक्टिव मोबाइल नंबरों का अलग डेटाबेस रखना होगा

आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया कंपनियों के सामने रखा प्रस्ताव, कहा- एक्टिव मोबाइल नंबरों का अलग डेटाबेस रखना होगा

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने एक प्रस्ताव किया है कि बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों को अपने ग्राहकों में अधिक सक्रिय रहने वाले मोबाइल नंबरों का एक अलग डेटाबेस रखना चाहिये। कंपनियों को सत्यापन कारणों को लेकर यह डेटाबेस बनाना चाहिये। मंत्रालय के संशोधित नियमों में यह प्रस्ताव किया गया है।

एक सूत्र ने कहा है कि यह प्रस्ताव तेजी से फैलते सोशल मीडिया क्षेत्र में उपयोगकर्ताओं को लेकर जानकारी नहीं होने जैसे मुद्दों से निपटने के उद्देश्य से किया गया है। सोशल मीडिया कंपनियों के लिये मौजूदा नियमों में संशोधन के हिस्से के तौर पर पहली बार यह प्रस्ताव किया गया है।

देश में 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं वाली सोशल मीडिया कंपनियों को प्रमुख सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज माना जायेगा। सूत्रों का कहना है कि ऐसी कंपनियों को नये नियमों के तहत कड़े दायित्वों का पालन करना होगा। इनमें उपयोगकर्ता का पता लगाने का मुद्दा भी शामिल है।

आईटी मंत्रालय ने इस बारे में संशोधित नियमों का मसौदा पुनरीक्षण के वास्ते कानून मंत्रालय को सौंपा है। सूत्र का कहना है कि संशोधित नियमों में बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों तथा अन्य मध्यवर्ती संस्थाओं, मंचों के मामले में उनके दायित्वों और जरूरतों के बीच फर्क पर भी जोर दिया गया है।

इन कंपनियों पर लागू होने वाले नियमों में जरूरत और उनके दायित्वों का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिये। सूत्रों ने पीटीआई- भाषा को बताया कि प्रमुख सोशल मीडिया मध्यवर्ती इकाइयों को उनके उपयोगकर्ताओं में सक्रिय रहने वाले मोबाइल नंबरों की पुष्टि करना और उनका अलग डेटा बेस बनाना चाहिये। इन प्रस्तावित संशोधनों को लेकर नियमों का मसौदा दिसंबर, 2018 में सार्वजनिक कर दिया गया था। इसके बाद आईटी मंत्रालय में नियमों में संशोधन को लेकर बैठकों के कई दौर हो चुके हैं।

Web Title: IT ministry proposal for social media companies, saying - a separate database of active mobile numbers has to be kept

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