अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 के तहत आरोप लगने वाले व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा। जुर्म साबित होने पर आरोपी को एससी-एसटी एक्ट के अलावा आईपीसी की धारा के तहत भी सजा मिलती है। आईपीसी की सजा के अलावा एससी-एसटी एक्ट में अलग से छह महीने से लेकर उम्रकैद तक की सजा के साथ जुर्माने की व्यवस्था भी है। अगर अपराध किसी सरकारी अधिकारी ने किया है, तो आईपीसी के अलावा उसे इस कानून के तहत 6 महीने से लेकर एक साल की सजा होती है। सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को एससी-एसटी एक्ट में बदलाव करते हुए तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। लेकिन दलित संगठनों के विरोध-प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर पुराने स्वरूप को फिर से बहाल कर दिया है। फिलहाल ये पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। Read More
उच्चतम न्यायालय ने एससी/एसटी कानून के तहत गिरफ्तारी के प्रावधानों को लचीला बनाने वाले 20 मार्च 2018 के आदेश की समीक्षा का अनुरोध करने वाली केंद्र की याचिका को शुक्रवार को तीन सदस्यीय पीठ के पास भेज दिया। ...
मोदी सरकार की इस पहल के बाद ऐसा माना जा रहा है कि अब सामाजिक स्तर पर चल रहे भेदभाव को खत्म करने में सफलता मिलेगी, क्योंकि कल तक जो आरक्षण के विरोध में थे आज वो खुद आरक्षण के दायरे में हैं. और इसके लिए बाकायदा सरकार के जयकारे भी लगा रहे हैं. ...
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने गया में पार्टी के मगध प्रमंडलीय दलित-महादलित कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि ‘‘हमारी प्रतिबद्धता न्याय के साथ विकास के प्रति है।’’ न्याय के साथ विकास का मतलब समाज के हर तबके और हर इलाके का विकास है। ...
न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने केन्द्र को इस मामले में 26 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुये इन याचिकाओं को अंतिम सुनवाई के लिये नवंबर में सूचीबद्ध कर दिया। ...
एससी-एसटी ओबीसी आरक्षण की तरह अन्य जातियों के द्वारा आरक्षण की हो रही मांग पर केन्द्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि एनडीए की बैठक में इस पर विचार किया गया है। ...
मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर को मंगलवार को आगरा पुलिस ने गिरफ्तार किया। वह दोपहर को आगरा में प्रेस कांफ्रेस करने आए थे जिस दौरान उनको गिरफ्तार किया गया। ...