यूक्रेन सोवियत संघ के विघटन के बाद 1991 में रूस से अलग हुआ था। यूक्रेन के हालांकि बाद के वर्षों में NATO से जुड़ने की कोशिश से रूस असहमति दिखाता रहा है। रूस को लगता है कि यूक्रेन NATO से जुड़ने से उसकी सुरक्षा हमेशा खतरे में रहगी। रूस का मानना है कि अमेरिका सहित नाटो के अन्य सदस्य देशों की सेनाएं उसकी सीमा के बेहद करीब आ जाएंगी और वह एक तरह से चारों ओर से घिर जाएगा। इसी के खिलाफ रूस कदम उठाने की बात कर रहा है और यूक्रेन पर कार्रवाई की बात कर रहा है। Read More
नाटो प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले से बढ़ी चिंताओं के बीच फिनलैंड और स्वीडन ने नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन दिया है। ...
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उर्वरक की कमी और खराब फसल के कारण तेज हुई मांग ने विश्व स्तर पर मुद्रास्फीति को बढ़ावा दिया है और गरीब देशों में अकाल और सामाजिक अशांति की आशंका जताई है। ...
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने ऐलान किया है कि आगामी 17 मई से भारतीय दूतावास एक बार फिर से यूक्रेन की राजधानी कीव से अपना संचालन शुरू कर देगा। ...
मार्च में लू के कारण फसल को भारी नुकसान के बाद गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का कदम उठाया गया है। सरकार पर मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने का भी दबाव है जो अप्रैल में बढ़कर 7.79 प्रतिशत हो गई। ...
रूस के विदेश मंत्रालय ने फिनलैंड को आगाह किया कि मॉस्को उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने उभरते खतरों से निपटने के लिए सैन्य-तकनीकी और अन्य प्रकार के प्रतिशोधात्मक कदम उठाने को बाध्य होगा। ...