बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए भारत ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 14, 2022 09:38 AM2022-05-14T09:38:52+5:302022-05-14T09:42:34+5:30
मार्च में लू के कारण फसल को भारी नुकसान के बाद गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का कदम उठाया गया है। सरकार पर मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने का भी दबाव है जो अप्रैल में बढ़कर 7.79 प्रतिशत हो गई।
नई दिल्ली:भारत ने घरेलू स्तर पर बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। आधिकारिक अधिसूचना से यह जानकारी मिली है।
हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 13 मई को जारी अधिसूचना में कहा, “इस अधिसूचना की तारीख या उससे पहले जिस खेप के लिए अपरिवर्तनीय ऋण पत्र (एलओसी) जारी किए गए हैं, उसके निर्यात की अनुमति होगी।”
डीजीएफटी ने कहा, “गेहूं की निर्यात नीति पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाता है...।” उसने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर दी गई अनुमति के आधार पर गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी।
फरवरी के अंत में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से काला सागर क्षेत्र से निर्यात में गिरावट के बाद आपूर्ति के लिए वैश्विक खरीदार चीन के बाद दुनिया का दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक भारत से उम्मीद कर रहे हैं।
मार्च में लू के कारण फसल को भारी नुकसान के बाद गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का कदम उठाया गया है। सरकार पर मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने का भी दबाव है जो अप्रैल में बढ़कर 7.79 प्रतिशत हो गई।
वहीं, एक अलग अधिसूचना में डीजीएफटी ने प्याज के बीज के लिए निर्यात शर्तों को आसान बनाने की घोषणा की। डीजीएफटी ने कहा, ‘‘प्याज के बीज की निर्यात नीति को तत्काल प्रभाव से सीमित श्रेणी के तहत रखा जाता है।’’ पहले प्याज के बीज का निर्यात प्रतिबंधित था।
(भाषा से इनपुट के साथ)