यूक्रेन में भारतीय दूतावास 17 मई से अपना काम फिर से शुरू कर देगा, अभी अस्थाई दूतावास पोलैंड से काम कर रहा है
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 14, 2022 04:04 PM2022-05-14T16:04:47+5:302022-05-14T16:15:39+5:30
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने ऐलान किया है कि आगामी 17 मई से भारतीय दूतावास एक बार फिर से यूक्रेन की राजधानी कीव से अपना संचालन शुरू कर देगा।

यूक्रेन में भारतीय दूतावास 17 मई से अपना काम फिर से शुरू कर देगा, अभी अस्थाई दूतावास पोलैंड से काम कर रहा है
दिल्ली:रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत सरकार ने घोषणा की है कि वो आगामी 17 मई से यूक्रेन की राजधानी कीव में अपने दूतावास को फिर से शुरू कर देगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस मामले में जानकारी देते हुए यूक्रेन में उसका दूतावास अपने पुराने प्रारूप में 17 मई से यूक्रेनी राजधानी कीव से अपना संचालन एक बार फिर से शुरू कर देगा।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि अभी यूक्रेनी दूतावास अस्थायी रूप से पोलैंड के वारसॉ से काम कर रहा था। भारत ने युद्ध की आक्रामक स्थिति को देखते हुए 13 मार्च को यूक्रेन से अपना दूतावास खाली कर दिया था।
भारत सरकार की ओर से यूक्रेन में दूतावास बहाली का फैसला कई पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेनी में अपने दूतावासों को फिर से खोले जाने के बाद लिया है।
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की संभावना के बीच भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों और पढ़ने वालों छात्रों को स्वदेश वापस लाने के लिए 26 फरवरी को 'ऑपरेशन गंगा' शुरू किया था।
इस ऑपरेशन के तहत भारत सरकार ने यूक्रेन से लगभग 20,000 से अधिक भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी कराई और उसके बाद अंत में मोदी सरकार ने यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास को भी खाली करा दिया था।
रूस और यूक्रेन युद्ध से चिंतित भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार दोनों देशों के प्रमुखों से टेलिफोन वार्ता करके युद्ध को समाप्त किये जाने की अपील की। इस मामले में प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत यूक्रेन में हो रहे घटना पर गहराई से चिंता व्यक्त करता है।"
उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों के प्रमुखों से लगातार अपील करते आ रहे हैं कि वो तत्काल हिंसा का रास्ता छोड़ें और शत्रुता को समाप्त करते हुए विवादित मुद्दों को बातचीत के जरिये सुलझाने का प्रयास करें।
इसके साथ पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत का स्पष्ट मानना है कि किसी भी विवाद का हल बातचीत और कूटनीति के रास्तों से होना चाहिए न कि हथियार और हिंसा के बल पर समस्या का समाधान होना चाहिए। वैश्विक पटल पर दोनों देश हथियारों के साथ वैचारिकी से भी समृद्ध हैं, ऐसे में दोनों देशों के प्रमुखों को बातचीत की मेज पर एक साथ आना चाहिए और हिंसा को दरकिनार करते हुए शांति से समस्या का समाधान करना चाहिए।