भारत ने गेहूं के निर्यात में लगाई पाबंदी तो, जी-7 समूह देशों ने की निंदा, कहा- दुनिया में बढ़ेगा खाद्य संकट

By रुस्तम राणा | Published: May 14, 2022 08:02 PM2022-05-14T20:02:50+5:302022-05-14T20:05:17+5:30

जर्मन कृषि मंत्री केम ओजडेमिर ने कहा, "अगर हर कोई निर्यात प्रतिबंध या बाजार बंद करना शुरू कर देता है, तो इससे खाद्य संकट और बढ़ेगा।"

G-7 criticises India decision to stop wheat exports says Germany | भारत ने गेहूं के निर्यात में लगाई पाबंदी तो, जी-7 समूह देशों ने की निंदा, कहा- दुनिया में बढ़ेगा खाद्य संकट

भारत ने गेहूं के निर्यात में लगाई पाबंदी तो, जी-7 समूह देशों ने की निंदा, कहा- दुनिया में बढ़ेगा खाद्य संकट

Highlightsरूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर खाद्य संकट की चिंताखाद्य सुरक्षा को लेकर चिंतित भारत ने शुक्रवार लगाई गेंहू के निर्यात में पाबंदी

नई दिल्ली: विकसित देशों के समूह जी-7 के कृषि मंत्रियों ने शनिवार को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले की निंदा की है। जर्मन कृषि मंत्री केम ओजडेमिर ने कहा, "अगर हर कोई निर्यात प्रतिबंध या बाजार बंद करना शुरू कर देता है, तो इससे खाद्य संकट और बढ़ेगा।" दरअसल रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक स्तर पर खाद्य और ऊर्जा संकट की एक बड़ी चिंता को देखा जा रहा है। 

ऐसी स्थिति में भारत ने यूक्रेन में युद्ध के कारण आपूर्ति की कमी से प्रभावित देशों को झटका देते हुए, हाल के गर्म तापमान के बाद उत्पादन को प्रभावित के चलते गेहूं के निर्यात पर शनिवार को प्रतिबंध लगा दिया है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है। इस फैसले को लेकर भारत ने कहा कि कम गेहूं उत्पादन और युद्ध के कारण तेजी से उच्च वैश्विक कीमतों सहित कारकों का मतलब है कि वह अब अपनी "खाद्य सुरक्षा" के बारे में चिंतित है। 

शुक्रवार को जारी किए गए निर्देश से पहले सभी निर्यात सौदों को अभी भी जारी रखा गया है, लेकिन भविष्य के सभी शिपमेंट के लिए सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होगी। हालाँकि, नई दिल्ली अगर अन्य सरकारों द्वारा "उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए" अनुरोध को मंजूरी दे दी तो गेहूं के निर्यात को आगे भी जारी किया जा सकता है।

जी-सात ने कहा कि यूक्रेन में अनाज के भंडार को खोलने के लिए तत्काल उपायों की आवश्यकता है जिसके मार्ग में रूस अड़चनें पैदा कर रहा है। बैठक की मेजबानी करने वालीं जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक ने कहा कि युद्ध एक ‘‘वैश्विक संकट’’ बन गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में पांच करोड़ लोग विशेष रूप से अफ्रीका और मध्य पूर्व में, भुखमरी का सामना करेंगे, जब तक कि यूक्रेन के अनाज भंडार को जारी के तरीके नहीं मिल जाते।

Web Title: G-7 criticises India decision to stop wheat exports says Germany

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