यूक्रेन सोवियत संघ के विघटन के बाद 1991 में रूस से अलग हुआ था। यूक्रेन के हालांकि बाद के वर्षों में NATO से जुड़ने की कोशिश से रूस असहमति दिखाता रहा है। रूस को लगता है कि यूक्रेन NATO से जुड़ने से उसकी सुरक्षा हमेशा खतरे में रहगी। रूस का मानना है कि अमेरिका सहित नाटो के अन्य सदस्य देशों की सेनाएं उसकी सीमा के बेहद करीब आ जाएंगी और वह एक तरह से चारों ओर से घिर जाएगा। इसी के खिलाफ रूस कदम उठाने की बात कर रहा है और यूक्रेन पर कार्रवाई की बात कर रहा है। Read More
Russia Ukraine Crisis: नाटो शिखर सम्मेलन पर बोलते हुए रोगोजिन ने कहा, “आज मैड्रिड में नाटो शिखर सम्मेलन शुरू हो रहा है, जिसमें पश्चिमी देश रूस को अपना सबसे बड़ा दुश्मन घोषित करेंगे।” ...
14th BRICS Summit 2022: इस पर जानकारों का मानना है कि चीन ब्रिक्स पर अपनी पकड़ बनाने के लिए इसका विस्तार चाहता है. वह कुछ दक्षिण पूर्वी एशियाई, अफ्रीकी और लातीनी अमेरिकी देशों को साथ मिलाकर ब्रिक्स का संतुलन अस्थिर करना चाहता है. ...
यूएनओडीसी ने कहा कि यूक्रेन में नष्ट हुई एम्फैटेमिन प्रयोगशालाओं की संख्या 2019 में 17 से बढ़कर 2020 में 79 हो गई, 2020 में किसी भी देश में जब्त की गई प्रयोगशालाओं की संख्या सबसे अधिक है। जैसे-जैसे युद्ध जारी रहेगा, यूक्रेन की सिंथेटिक दवाओं के उत्पा ...
व्हाइट हाउस के मुताबिक ऊर्जा के बाद सोना मास्को का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात आइटम है, और आयात पर प्रतिबंध लगाने से रूस के लिए वैश्विक बाजारों में भाग लेना अधिक कठिन हो जाएगा। ...
ब्रिटेन ने एक गंभीर कदम उठाते हुए घोषणा की है कि वो यूक्रेन को सैन्य सहायता देगा और साथ ही रूस से लोहा ले रहे यूक्रेनी सैनिकों को ट्रेनिंग भी देगा। इसके साथ ही यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा ने गुरुवार 17 जून को सिफारिश की कि यूक्रेन को यूरोपिय संघ की ...
रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत ने जिस तरह स्वतंत्र विदेश नीति को आगे रखा, उससे अमेरिका परेशान है. अमेरिका हमेशा से अपने हितों को ऊपर रखता आया है. अमेरिका किसी भी कीमत पर भारत और चीन के रिश्ते भी सामान्य होते नहीं देखना चाहता. ...