Shiv Rudrashtakam Stotram: गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीराम के महाकाव्य 'रामचरित मानस' में महादेव शिव शंकर के अविनाशी रूप पर अत्यंत सुंदर तरीके से वर्णन किया गया है, जिसे शिव रूद्राष्टकम स्तोत्र का पाठ कहते हैं। ...
शनि मनुष्य के कर्मों का फल देने वाले देव माने जाते हैं। जिसकी कुंडली में शनि की वक्र दृष्टि होती है, उन्हें शनि के प्रकोप से भारी भय का खतरा रहता है। ...
काशी में केवल शिव ही नहीं बल्कि भगवान विनायक अपने 56 अलग-अलग रूपों में विराजते हैं। इनमें 'बड़ा गणेश', 'ढुण्ढिराज विनायक', 'सिद्ध विनायक' की विशेष महिमा मानी जाती है। ...
पहले बड़े-बड़े राजा-महाराजा भी यज्ञ के रहस्य को भली प्रकार समझते थे ओर बड़े-बड़े यज्ञों का आयोजन किया करते थे। महाराजा रघु ने दिग्विजय के उपरांत विश्वजित नामक यज्ञ में समस्त खजाना खाली कर दिया था। उनके पास धातु का एक पात्र तक नहीं बचा था। ...