भारतीय संसद (राज्य सभा और लोक सभा) की हर साल होने वाली तीन बैठकों को संसद सत्र कहते हैं। इन सत्रों में सभी विधायी कार्य पूरे किये जाते हैं। भारतीय संविधान के अनुसार संसद के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा अंतराल नहीं होना चाहिए। इस वजह से हर साल संसद के कम से कम दो सत्र जरूर आयोजित होते हैं।संसद का बज़ट सत्र फ़रवरी से मई के बीच आहुत होता है। संसद का मॉनसून सत्र जुलाई से सितम्बर के बीच आहुत होता है। संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर से दिसंबर के बीच आयोजित होता है। बज़ट सत्र के दौरान भारत सरकार अपना सालाना या अंतरिम बज़ट पेश करती है। इस बज़ट में सरकार वार्षिक आय और व्यय का लेखा-जोखा पेश करती है। Read More
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि हमले में शामिल कुछ दंगाइयों की पहचान कर ली गई है। उन्होंने बताया, ‘‘पांच जनवरी 2020 को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में नकाबपोश लोगों द्वारा किए गए हमले में 51 व्यक्तियों को चोटें आईं और कुछ निजी कारों तथा ...
राष्ट्रपति के अभिभाषण को 130 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि ‘‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’’ के मंत्र को लेकर सरकार समस्याओं के समाधान के लिए सतत प्रयासरत ...
अगर हम बदलाव की बात करते हैं, तो कभी कहा जाता है कि बार-बार बदलाव क्यों? हमारे महापुरुषों ने इतना महान संविधान दिया, उसमें भी उन्होंने सुधार की व्यवस्था रखी है। हर व्यवस्था में सुधार का हमेशा स्वागत होना चाहिए। ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सवाल कि क्या आंध्र प्रदेश के विभाजन से पहले किसी से पूछा गया था? उन्होंने कहा कि सदन में आंध्रप्रदेश पुनर्गठन विधेयक किस तरह पारित किया गया था यह सबको पता है। मोदी ने पूर्वोत्तर का जिक्र करते हुए कहा ‘‘ पूर्वोत्तर में आज ...
जीएसटी में कमियां बताने वाले बतायें कि अगर जीएसटी पर उन्हें इतना ही ज्ञान था तो इसे लटका कर क्यों रखा। GST भारत के फेडरल स्ट्रक्चर का एक बहुत बड़ा अचीवमेंट है। अब राज्यों की भावनाओं का उसमें प्रकटीकरण होता है। हमारा मत है कि जहां समयानुकूल परिवर्तन आ ...
पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर में पीएम पैकेज समेत अन्य कई योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 का हटना, आतंक और अलगाव को बढ़ावा देने वालों के लिए ब्लैक डे सिद्ध हो चुका है। ...
पुराने कारनामे इतनी जल्दी लोग भूलते नहीं हैं। जब तेलंगाना बना, तो इस सदन का हाल क्या था? दरवाजे बंद कर दिए गए थे, टीवी का टेलीकास्ट बंद कर दिया गया था। चर्चा का तो कोई स्थान ही नहीं बचा था और जिस हालत में वो पारित किया गया था, कोई भूल नहीं सकता। ...
राज्यसभा में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुलाम नबी आज़ाद जी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर पर निर्णय बिना किसी चर्चा के लिया गया। यह सही नहीं है। पूरे देश ने इस विषय पर विस्तृत चर्चा की। सांसदों ने फैसलों के पक्ष में मतदान किया है। ...