जीएसटी को लेकर अगर इतना ही ज्ञान आपके पास था तो इसे लटकाए क्यों रखा थाः पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 6, 2020 06:00 PM2020-02-06T18:00:00+5:302020-02-06T18:00:00+5:30
जीएसटी में कमियां बताने वाले बतायें कि अगर जीएसटी पर उन्हें इतना ही ज्ञान था तो इसे लटका कर क्यों रखा। GST भारत के फेडरल स्ट्रक्चर का एक बहुत बड़ा अचीवमेंट है। अब राज्यों की भावनाओं का उसमें प्रकटीकरण होता है। हमारा मत है कि जहां समयानुकूल परिवर्तन आवश्यक हैं, परिवर्तन करने चाहिए।
पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में जवाब देते हुए कहा कि कोई भी देश छोटी सोच से आगे नहीं बढ़ सकता, हमारी युवा पीढ़ी हमसे अपेक्षा करती है कि हम बड़ा सोचें, दूर का सोचें, ज्यादा सोचें और ज्यादा ताकत से आगे बढ़ें। इसी मूल मंत्र को लेकर हम देश को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
जीएसटी में कमियां बताने वाले बतायें कि अगर जीएसटी पर उन्हें इतना ही ज्ञान था तो इसे लटका कर क्यों रखा। GST भारत के फेडरल स्ट्रक्चर का एक बहुत बड़ा अचीवमेंट है। अब राज्यों की भावनाओं का उसमें प्रकटीकरण होता है। हमारा मत है कि जहां समयानुकूल परिवर्तन आवश्यक हैं, परिवर्तन करने चाहिए।
पीएम ने कहा कि J&K में पीएम आवास योजना के तहत मार्च 2018 तक सिर्फ 3.5 हजार मकान बने थे। 2 साल से भी कम समय में इसी योजना के तहत 24 हजार से ज्यादा मकान बने हैं। सिर्फ 18 महीनों में जम्मू-कश्मीर में 1.5 लाख बुजुर्गों और दिव्यांगों को पेंशन योजना से जोड़ा गया है।
मोदी ने कहा कि नार्थ-ईस्ट अभूतपूर्व शांति के साथ आज भारत की विकास यात्रा का एक अग्रिम भागीदार बना है। 40-50 साल से वहां जो हिंसक आंदोलन चलते थे, आज वो आंदोलन बंद हुए हैं और शांति की राह पर पूरा नार्थ-ईस्ट आगे बढ़ रहा है।
PM Narendra Modi in Rajya Sabha: If you had so much knowledge and suggestions about the GST, then why did you keep it stuck for so long? https://t.co/Oa5w8O8dGU
— ANI (@ANI) February 6, 2020
यहां अर्थव्यवस्था के विषय में चर्चा हुई। देश में निराश होने का कोई कारण नहीं है। अर्थव्यवस्था के जो बेसिक मानदंड है, उनमें आज भी देश की अर्थव्यवस्था सशक्त है, मजबूत है और आगे जाने की ताकत रखती है। निराशा देश का भला कभी नहीं करती, इसलिए 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी की बात का सुखद परिणाम यह हुआ कि जो विरोध करते हैं, उन्हें भी 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी की बात करनी पड़ती है।
जम्मू कश्मीर के लिये पांच अगस्त 2019 का दिन काला दिन नहीं था बल्कि आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने वालों के लिये यह दिन काला दिन साबित हुआ है। पूर्वोत्तर में आज आंदोलन समाप्त हो चुके हैं और पूर्वोत्तर राज्य अब शांति की राह पर आगे बढ़ रहे हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों में कांग्रेस और उसके मित्र दलों की सरकार थी, अगर चाहते तो ब्रू जनजाति की समस्या का समाधान कर लेते। इस उदासीनता का कारण ब्रू जनजाति का वोट सीमित होना था इसलिये उनके असीमित दर्द का समाधान नहीं हो पाया। आज देश गर्व कर सकता है कि ब्रू जनजाति के 29 हजार लोगों को सम्मान के साथ जीने का हक मिला है, इसके लिये हुआ बोडो समझौता ऐतिहासिक महत्व का है।
भारत कैसे अपने आर्थिक हितों को बढ़ा सकता है, ऐसे तमाम आर्थिक विषयों पर बजट सत्र में मंथन के लिये मैं आप सभी से एक बार फिर अनुरोध करता हूं, इसके लिये हमें इस सदन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अनुभवों का लाभ उठाना चाहिये। देश को अर्थव्यवस्था के मामले में निराश होने की कोई जरूरत नहीं है। पश्चिमी देशेां के मॉडल से हम भारत को विकसित नहीं बना सकते। बैंकों का विलय देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा, हमने यह फैसला मजबूती के साथ किया है।