नेहरूजी की गांधीजी और सरदार पटेल से पहली मुलाकात 1916 में लखनऊ कांग्रेस अधिवेशन में हुई थी, जिसमें लोकमान्य तिलक समेत उस दौर के सारे दिग्गज नायक पधारे थे और कांग्रेस में एकता का एक नया दौर दिखा था। तब से आखिरी सांस तक उनका रिश्ता बना रहा। ...
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से लगातार दसवीं बार तिरंगा ध्वज फहराएंगे और फिर देश को संबोधित करेंगे। देश के प्रधानमंत्री के तौर पर लाल किले से सबसे ज्यादा 17 बार तिरंगा पंडित जवाहरलाल नेह ...
‘सेंगोल’ प्राप्त करने के बाद इस पर बोलते हुए पीएम मोदी कहा है कि “आज उस दौर की तस्वीरें हमें तमिल संस्कृति और आधुनिक लोकतंत्र के रूप में भारत की नियति के बीच गहरे भावनात्मक बंधन की याद दिला रही हैं। आज इतिहास के पन्नों से इस गहरे बंधन की गाथा जीवंत ह ...
स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान वे जिन मूल्यों के साथ रहे और प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने जैसे आधुनिक, धर्मनिरपेक्ष और बहुलतावादी भारत का निर्माण करना चाहा, उससे जुड़े उनके विचारों व कदमों की यह कहकर तो आलोचना की जा सकती है कि कई मामलों में वे कुछ ज् ...
हर हाल में संसद पहुंचने की उनकी लालसा कभी नहीं रही. इसलिए उनका संसदीय जीवन लंबा नहीं रहा. वे एक बार जरूर कहते थे कि उनकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि देश के वंचित व कमजोर लोग उन्हें अपना आदमी समझते हैं. ...
आजादी के अमृत महोत्सव पर पीएम मोदी ने देश के महापुरूषों को याद किया और उन्हें नमन भी किया है। इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आजादी की जंग में गुलामी का पूरा कालंखड संघर्ष में बीता है।’’ ...
तिरंगा की तस्वीरें लगाने वाली बात को लेकर कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने आरएसएस और इसके प्रमुख मोहन भागवत के ट्विटर प्रोफाइल के स्क्रीन शॉट साझा किया है। साझा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘संघ वालों, अब तो तिरंगे को अपना लो।’’ ...