India@75: आंगनवाड़ी कर्मी, रेहड़ी पटरी, ऑटो चालक और मुर्दा घर में काम करने वाले बने इस साल विशेष अतिथि, लाल किला समारोह में पहली बार शामिल हुए मजदूर-गरीब

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 15, 2022 04:40 PM2022-08-15T16:40:01+5:302022-08-15T16:50:01+5:30

आजादी के अमृत महोत्सव पर पीएम मोदी ने देश के महापुरूषों को याद किया और उन्हें नमन भी किया है। इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आजादी की जंग में गुलामी का पूरा कालंखड संघर्ष में बीता है।’’

75 yrs India independence Anganwadi street vendors auto drivers dead house workers special guests Red Fort celebrations pm modi | India@75: आंगनवाड़ी कर्मी, रेहड़ी पटरी, ऑटो चालक और मुर्दा घर में काम करने वाले बने इस साल विशेष अतिथि, लाल किला समारोह में पहली बार शामिल हुए मजदूर-गरीब

फोटो सोर्स: ANI

Highlightsआजादी के 75 साल पूरे होने पर भारत में आज आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया है। इसके तहत लाल किले पर विशेष समारोह भी हुआ है जिसमें पीएम मोदी शामिल होकर देश को संबोधन किए है। इस समारोह में गरीब और मजदूर लोगों को मुख्य अतिथी के रुप में बुलाया गया था।

Azadi Ka Amrit Mahotsav: इस साल लाल किले पर पीएम मोदी द्वारा मनाए गए स्वतंत्रता दिवस कई मायनों में खास रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां लाल किले में आयोजित समारोह में मजदूर और गरीब लोग मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए थे। 

जी हां इस समारोह में आंगनवाड़ी कर्मी, मुर्दाघर में काम करने वाले कर्मचारी, मुद्रा योजना के लाभार्थी, रेहड़ी-पटरी वाले और कई अन्य लोग विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए थे। आपको बता दें कि इस साल भारत के आजादी के 75 साल पूरे हो गए है, ऐसे में आज पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया है। 

लाल किले के समारोह में इन लोगों ने लिया हिस्सा

आपको बता दें कि इस बार 15 अगस्त इस मायने में खास रहा है कि यह देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ है। इसके तहत लाल किले में आयोजित समारोह में आंगनवाड़ी कर्मी, मुर्दाघर में काम करने वाले कर्मचारी, मुद्रा योजना के लाभार्थी, रेहड़ी-पटरी वाले और कई अन्य लोग विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए थे। 

इनके अलावा, इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में कोरोना काल में अग्रिम मोर्चे पर तैनान रहे कर्मी, ऑटो चालक, निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले लोग और मजूदूर विशेष अतिथि के तौर पर शामिल थे। 

पीएम मोदी ने आजादी के वीरों को याद किया 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर आजादी के आंदोलन और स्वतंत्रता के बाद राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, वीर सावरकर और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों एवं महापुरुषों को याद किया तथा उन्हें नमन किया। 

मोदी ने सोमवार को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम दिए गए अपने संबोधन में कहा, ‘‘आजादी की जंग में गुलामी का पूरा कालंखड संघर्ष में बीता है। हिन्‍दुस्‍तान का कोई कोना ऐसा नहीं था, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सालों साल तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हों, आहुति न दी हो।’’ 

महापुरूषों के बारे में क्या बोलें पीएम मोदी

इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरूष को, हर त्‍यागी को, हर बलिदानी को नमन करने का अवसर है। उनका ऋण स्‍वीकार करने का अवसर है और उनका स्‍मरण करते हुए उनके सपनों को जल्‍द से जल्‍द पूरा करने का संकल्‍प लेने का भी अवसर है। हम सभी देशवासी पूज्‍य बापू, नेता जी सुभाष चंद्र बोस, बाबासाहेब आम्‍बेडकर, वीर सावरकर के कृतज्ञ हैं जिन्‍होंने कर्तव्‍य पथ पर जीवन को खपा दिया। कर्तव्‍य पथ ही उनका जीवन पथ रहा।’’ 

मंगल पांडे, तात्‍या टोपे और भगत सिंह सबको पीएम मोदी ने याद किया 

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह देश मंगल पांडे, तात्‍या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, चंद्रशेखर आजाद, अशफाकउल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल और उन अनगिनत क्रांति वीरों का कृतज्ञ हैं जिन्होंने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी। यह राष्‍ट्र रानी लक्ष्‍मीबाई, झलकारी बाई, दुर्गा भाभी, रानी गाइदिन्ल्यू, रानी चेनम्‍मा, बेगम हजरत महल, वेलु नाच्चियार जैसी वीरंगनाओं का कृतज्ञ है जिन्होंने दिखाया कि भारत की नारी शक्ति क्‍या होती है।’’ 

उनके अनुसार, ‘‘भारत की नारी शक्ति का संकल्‍प क्‍या होता है। भारत की नारी त्‍याग और बलिदान की क्‍या पराकाष्‍ठा कर सकती है, वैसी अनगिनत वीरांगनाओं का स्‍मरण करते हुए हर हिन्‍दुस्‍तानी गर्व से भर जाता है।’’ 

आजादी के वीरों को पीएम मोदी ने किया नमन

इस पर बोलते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आजादी की जंग लड़ने वाले और आजादी के बाद देश बनाने वाले डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद जी हों, नेहरू जी हों, सरदार वल्‍लभ भाई पटेल, श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी, लाल बहादुर शास्‍त्री, दीनदयाल उपाध्‍याय, जय प्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, आचार्य विनाबाभावे, नाना जी देशमुख, सुब्रह्मण्‍यम भारती, अनगिनत ऐसे महापुरुषों को आज नमन करने का अवसर है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘हम आजादी की जंग की चर्चा करते हैं तो जंगलों में जीने वाले हमारे आदिवासी समाज का भी गौरवगान करना हम नहीं भूल सकते हैं। भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धू कान्हू, अल्लूरी सीताराम राजू, गोविंद गुरू, अनगिनत नाम हैं जिन्‍होंने आजादी के आंदोलन की आवाज बनकर के दूर-सदूर जंगलों में भी.... मेरे आदिवासी भाई-बहनों, मेरी माताओं, मेरे युवकों में मातृभूमि के लिए जीने-मरने के लिए प्रेरणा जगाई।’’ 

 नारायण गुरू और स्‍वामी विवेकानंद के बारे में पीएम ने यह कहा

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह देश का सौभाग्‍य रहा है कि आजादी की जंग के कई रूप रहे हैं और उसमें एक रूप वह भी था जिसमें नारायण गुरू हों, स्‍वामी विवेकानंद हों, महर्षि अरविंदो हों, गुरुदेव रविन्‍द्र नाथ टैगोर हों, ऐसे अनेक महापुरुष हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में, हर गांव में भारत की चेतना को जगाते रहे। भारत को चेतनमन बनाते रहे।’’ 
 

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