एक कैलेंडर वर्ष खत्म होके जब दूसरा कैलेंडर वर्ष शुरू होता है तो उसे नया साल कहते हैं। दुनिया की हर सभ्यता में दिन-रात, महीने और साल की गणना के लिए किसी ने किसी कैलेंडर का अनुसरण किया जाता रहा है। आम तौर पर कैलेंडर की निर्धारण पृथ्वी की सूर्य के चारों तरफ परिक्रमा के समय या सूर्य या चंद्र की गति के अनुसार किया जाता है। भारत समेत पूरी दुनिया में इस समय सबसे अधिक देश ग्रेगैरियन कैलेंडर का पालन करते हैं। इस कैलेंडर में हर वर्ष एक जनवरी को नया साल शुरू होता है। ग्रेगैरियन कैलेंडर को पोप ग्रेगरी अष्टम ने अक्टूबर 1582 में प्रस्तुत किया था। इस कैलेंडर की खासियत थी कि इसमें लीप ईयर (29 दिन की फ़रवरी) की परिकल्पना प्रस्तुत की गयी थी। भारत सरकार भी ग्रेगैरियन कैलेंडर का अनुसरण करती है। भारत में सर्वाधिक प्रचलित विक्रम संवत और शक संवत रहे हैं। हालाँकि इनका प्रचलन अब केवल धार्मिक मामलों में होता है। Read More
दिनांक 12/31/23, जो नव वर्ष की पूर्वसंध्या है, अंक ज्योतिष में एक विशेष अर्थ रखती है। आइए जानें अंक ज्योतिष में 2023 के आखिरी दिन का क्या महत्व है। ...
ऋग्वैदिक काल से ही चंद्रमास और सौर वर्ष के आधार पर की गई कालगणना प्रचलन में आने लगी थी, जिसे जन सामान्य ने स्वीकार किया। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के आधार पर उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने विक्रम संवत की विधिवत शुरुआत की। ...
आपको बता दें कि इस सर्वेक्षण के अनुसार, साक्षात्कार में शामिल लगभग 75 प्रतिशत शहरी भारतीयों का मानना है कि इस वर्ष उनका जीवन 2022 की तुलना में बेहतर होगा, जबकि 21 प्रतिशत का मानना है कि उनका जीवन पहले जैसा ही रहेगा। ...
घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी पहले ही शुरू हो चुकी है, जिससे पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि साल खत्म होते-होते यह आयोजन और मजेदार हो जाएगा। ...