गुलज़ार का जन्म 18 अगस्त 1934 को दीना में हुआ था, जोकि अब पाकिस्तान में है। उनका असली नाम सम्पूरन सिंह कालरा है। गुलज़ार उनका तखल्लुस है। फ़िल्मों में गीतकार बनने से पहले गुलज़ार ने जीवनयापन के लिए मोटरगैराज तक में काम किया। उनको फ़िल्मों में बड़ा ब्रेक बिमल रॉय की बंदिनी (1963) से मिला। इस फ़िल्म ने गुलज़ार को गीतकार के रूप में फ़िल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया। उन्होंने अपने छह दशक से लम्बे करियर में गुड्डी, आनंद, खामोशी, आशीर्वाद, नमक हराम, मौसम, आंधी, किताब, किनारा, घरौंदा, गोलमाल, खूबसूरत, नमकीन, सदमा, मासूम, गुलामी, रुदाली, माचिस, सत्या और ओमकारा जैसी फिल्मों के लिए गीत लिखे हैं। 1971 में गुलज़ार ने फिल्म 'मेरे अपने' से निर्देशन की दुनिया में क़दम रखा। इसके बाद अचानक, अंगूर, आंधी, कोशिश, परिचय, और इजाज़त जैसी फ़िल्मों व मिर्ज़ा ग़ालिब जैसे धारावाहिकों से गुलज़ार ने निर्देशक के रूप में अपनी अलग पहचान स्थापित की। गुलज़ार ने अभिनेत्री राखी से 1973 में शादी की। हालाँकि शादी के कुछ साल बाद ही दोनों अलग-अलग रहने लगे। गुलज़ार और राखी की बेटी मेघना गुलज़ार भी फिल्म निर्देशक हैं। Read More
फैज अहमद फैज की कविता को लेकर इन दिनों कंट्रोवर्सी चल रही है। ऐसे में इस विवाद पर कई लोग अपनी राय व्यक्त कर चुके हैं अब गुलजार ने कहा है कि कवि के साथ अन्याय है। ...
उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा,“मैं आपको ‘मित्रों’ संबोधित करने वाला था, लेकिन फिर मैं रुक गया।” ...
पिछले महीने यूएई में भारत के राजदूत पद से सेवानिवृत्त हुए सूरी ने उन परिस्थितियों को बयां किया जिनमें उनके दादा ने यह कविता लिखी। सूरी ने बताया कि ब्रिटिश सरकार ने ‘खूनी वैशाखी’ के प्रकाशन पर रोक लगा दी थी। ...
'लिबास' फिल्म को गोवा में हुए इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में साल 2014 में दिखाई गई थी। इसे साल 1992 में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल बैंग्लोर में भी दिखाई गई थी। ...
नाना पाटेकर पर आरप लगने के बाद से आलोक नाथ, क्वीन फिल्म के निर्देशक विकास बहल, एआईबी के कॉमेडियन उत्सव चक्रवर्ती, लेखक चेतन भगत, टीवी चैनल आज तक के निदेशक सुप्रियो प्रसाद, अभिजीत भट्टाचार्य, पत्रकार प्रशांत झा, एमजे अकबर इत्यादि पर #MeToo के तहत आरोप ...