दिलीप कुमार (11 दिसंबर 1922- 7 जुलाई 2021) हिन्दी सिनेमा के जानेमाने कलाकार हैं। पर्दे पर उनके ट्रैजिक भूमिकाओं के लिए उन्हें ट्रेजडी किंग नाम भी दिया गया। जबकि उनके बचपन का नाम यूसुफ़ ख़ान था। उनका जन्म पेशावर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। हिन्दी सिनेमा में उन्होंने देवदास (1955), मुगले-ए-आज़म (1960), गंगा-जमुना (1961), विधाता (1982), दुनिया (1984), कर्मा (1986), इज्जतदार (1990) और सौदागर (1991) जैसी फिल्में दीं। इसके लिए उन्हें भारतीय फ़िल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से भी सम्मानित किया गया। Read More
दिलीप कुमार 98 वर्ष के थे। हिंदी फिल्म जगत में ‘ट्रेजेडी किंग’ के नाम से मशहूर हुए दिलीप कुमार मंगलवार से हिंदुजा अस्पताल की गैर-कोविड गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती थे। कुमार का इलाज कर रहे डॉ. जलील पारकर ने कहा कि लंबी बीमारी के कारण सुबह साढ ...
इससे पहले रविवार को सायरा बानो ने जानकारी देते हुए कहा था कि दिलीप साहब अभी भी हिंदुजा अस्पताल के आईसीयू में हैं। उनका स्वास्थ्य स्थिर है, हालांकि वे अभी भी आईसीयू में डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन में हैं। ...
दिलीप कुमार को बार-बार रुटिन चेकअप के लिए अस्पताल ले जाया जाता है। 29 जून को उनकी तबीयत बिगड़ी तो घरवालों ने एहतियातन उन्हें भर्ती कराने का निर्णय लिया। ताकि डॉक्टर्स की निगरानी में उनकी सेहत का देखभाल हो सके। ...
कुछ दिनों पहले दिलीप कुमार को छाती में दर्द और सांस लेने में दिक्कत की शिकायतों के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसकी जानकारी उनके करीबी फैमिली फ्रेंड फैसल फारुकी ने दी थी। दिलीप कुमार बीते काफी समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से गुजर रहे है ...
जाने-माने अभिनेता दिलीप कुमार को शुक्रवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। इसकी जानकारी दिलीप कुमार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दी गई है। वहीं पैपरॉजी ने भी दिलीप कुमार की अस्पताल के बाहर की तस्वीरें कैद कर ली है। जिसमें सायरा बानो दिलीप कुमार को चूमती न ...
वेटरन एक्टर दिलीप कुमार की तबीयत में सुधार हो रहा है। उन्हें जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिलने की संभावना है। दिलीप कुमार का इलाज कर रहे छाती रोग विशेषज्ञ डॉ जलील पारकर ने कहा कि उनके फेफड़ों के बाहर जमे पानी को सफलतापूर्वक निकाल दिया गया है। पारकर ने ...