गंभीर चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ के गुजरात में 15 जून को पहुंचने की संभावना है। गुजरात में 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अंदेशा है। अरब सागर में चक्रवाती तूफानों की संख्या में 52 प्रतिशत वृद्धि हुई है, वहीं बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान 150 प्रतिशत बढ़े हैं। पर्यावरण संबंधी स्थितियों से संकेत मिलता है कि 12 जून तक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान का रुख रह सकता है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवाती तूफान तीव्र हो रहे हैं और जलवायु परिवर्तन के कारण ये लंबे समय तक काफी सक्रिय बने रह सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार अरब सागर में चक्रवाती तूफानों की तीव्रता मानसून के बाद के मौसम में करीब 20 प्रतिशत और मानसून से पहले की अवधि में 40 प्रतिशत बढ़ी है। अध्ययन का शीर्षक है, ‘‘उत्तर हिंद महासागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की बदलती स्थिति’’। भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान में जलवायु विज्ञानी रॉक्सी मैथ्यू कोल ने कहा, ‘‘अरब सागर में चक्रवाती गतिविधि बढ़ने का महासागरों के तापमान बढ़ने और वैश्विक तापमान वृद्धि के चलते नमी की बढ़ती उपलब्धता से गहरा संबंध है। अरब सागर ठंडा होता था, लेकिन अब यह गर्म है।’’ Read More
मौसम विभाग की सटीक भविष्यवाणी और आपदा प्रबंधन के समन्वित प्रयासों के चलते मिचौंग चक्रवात ने बड़े क्षेत्र और बड़ी मात्रा में संपत्ति का तो विनाश किया, लेकिन ज्यादा जनहानि का कारण नहीं बन पाया। ...
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 102वें संस्करण में रविवार, 18 जून को आपातकाल का भी जिक्र किया और कहा कि 25 जून को हम कभी नहीं भूल सकते, जब देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। वह भारत के इतिहास का काला दौर था। ...
Cyclone Biparjoy: जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने एक बयान में कहा कि वह सहायता प्रदान करने के लिए प्रभावित लोगों से संपर्क कर रहा है, हालांकि चक्रवात से जानमाल का नुकसान न्यूनतम रहा है। ...
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 1 लाख से ज्यादा मछुवारों को समय से किनारे पर लेकर उनकी जान बचाने का काम भारत सरकार और गुजरात सरकार की एजेंसियों ने किया है। इस आपदा में केवल 47 लोग घायल हुए हैं और उनमें से भी कोई इस प्रकार से चोटिल नहीं है कि उ ...
नब्बे के दशक तक कोई यह सोच भी नहीं सकता था कि महाविनाश करने में सक्षम बिपरजॉय जैसा तूफान प्राणहानि नहीं कर पाएगा। गुजरात ने सत्तर के दशक में भी विनाशकारी समुद्री तूफान देखा है जिसमें भरूच तथा सूरत जैसे शहरों में लाशों के ढेर लग गए थे। ...