आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधान इस साल निरस्त कर दिए गए थे। गूगल पर पूछे गए शीर्ष 10 सवालों में ‘अयोध्या मामला क्या है’ और ‘भारत की राष्ट्रीय नागरिक पंजी’ (एनआरसी) क्या है, भी शामिल थे। ...
रिपोर्ट्स के अनुसार सुरक्षाबलों को असम पहुंचाने के लिए एक स्पेशल ट्रेन भी शुरू की गई है। साथ ही गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ की सात कंपनियों के मणिपुर भेजे जाने के पूर्व के आदेश को भी रद्द किया है ...
केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने संबंधी संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान पांच अगस्त को खत्म कर दिये गये थे। अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान खत्म करने के निर्णय और जम्मू कश्मीर को दो केन्द्र शासित प्रदेशों मे विभा ...
इसी साल जून और जुलाई में जब किसी को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाये जाने की भनक नहीं थी, तब घाटी में क्रमश: 1.62 लाख और 1.49 लाख घरेलू पर्यटक आये। हालांकि, पिछले चार महीने के आंकड़े कुछ और कहानी बता रहे हैं। ...
पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने और उसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के पांच अगस्त के फैसले के बाद शाह को हिरासत में लिया गया था। ...
अब्दुल्ला ने निजी लेटरहेड पर अपने आवास को ‘‘उप जेल’’ बताया है। अब्दुल्ला पांच अगस्त के बाद से नजरबंद हैं और बाद में 17 सितंबर को उनपर सख्त लोक सुरक्षा कानून (पीएसए) लगाया गया। फिलहाल, वह गुपकर के अपने आवास पर हैं जिसे उप जेल घोषित किया गया है। ...