आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
सेना की लंबे समय से की जा रही मांग को मानते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने युद्ध में शहीद हुए लोगों के परिजन को दी जाने वाली वित्तीय सहायता दो लाख रुपये से बढ़ाकर आठ लाख रुपये करने को सैद्धांतिक मंजूरी दी। ...
राष्ट्रीय राजधानी में कई सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए और आपातकालीन विभाग में सभी सेवाओं को वापस ले लिया। इसके चलते मरीजों के परेशानी का सामना करना पड़ा। ...
बीते चार महीने में कोई अप्रिय घटना यहां नहीं घटी है और हालात पूरी तरह से सामान्य हो चुके हैं। इसे देखते हुए सेवाएं बहाल की गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय धार्मिक नेताओं ने लोगों से अपील की है कि वे इस सुविधा का गलत फायदा न उठाएं। यहां ब्रॉडबै ...
इस मुलाकात के दौरान मंच के सदस्य मुर्तज़ा खान भी मौजूद रहे। उन्होंने मुलाकात के बाद मीडिया से कहा कि हमने गृह मंत्री से मुलाकात की और हमने उन्हें अपनी समस्याओं के बारे में जानकारी दी। ...
अमेरिकी सांसद ने हाउस ऑफ रिप्रजंटेटिव में गुरुवार को कहा कि भारतीय संसद ने कई पार्टियों के सहयोग से प्रधानमंत्री की आर्थिक विकास को गति देने, भ्रष्टाचार से लड़ने और लैंगिक तथा जातीय और धार्मिक भेदभाव को समाप्त करने की कोशिश को समर्थन देने का फैसला कि ...
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के निवासी का दर्जा पाने के लिए यहां कम से कम 15 साल रहना पड़ेगा। सरकार ने इस नियम का प्रस्ताव दिया है। हालांकि अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया। ...
अधिकारियों ने यहां बुधवार को यह जानकारी दी। फरवरी में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में पुलवामा हमले का मुख्य षड्यंत्रकर्ता मारा गया था। उस मुठभेड़ में दक्षिणी कश्मीर के तत्कालीन डीआईजी अमित कुमार (41) को पेट में गोली लगी थी। ...