हिन्दू धर्म में अक्षय तृतीया को बेहद शुभ तिथि के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सिर्फ तिथि ना होकर, पर्व की तरह मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को 'अक्षय तृतीया' के नाम से जाना जाता है। इस शुभ पर्व पर हिन्दू सोना एवं अन्य शुभ वस्तुओं की खरीदारी करते हैं। इसके अलावा इसदिन गरीबों में महत्वपूर्ण वस्तुएं दान करना भी शुभ माना जाता है। Read More
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह देशवासियों को ईद के साथ-साथ अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती की शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने ट्वीट में देशवासियों के अच्छे स्वास्थ्य और कोरोना पर विजय की कामना की। ...
हिंदी धर्म में अक्षय तृतीया में पर्व का विशेष महत्व हैं. हिंदू पंचांग केअनुसार , अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस साल यह पर्व 14 मई 2021 को पड़ेगा. इस दिन सभी शुभ कार्य बिना पंचांग को देखे किये जा सकत ...
ओडिशा के पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में हर साल होने वाली वार्षिक रथ यात्रा की तैयारियों की शुरुआत के रूप में होने वाली ‘‘चंदन यात्रा’’ और ‘‘अक्षय तृ्तीया’’ अनुष्ठान रविवार को कोरोना वायरस की महामारी के चलते मंदिर परिसर में ही संपन्न हुआ। सामान्य ...
अक्षय तृतीया का प्राचीन इतिहास हस्तिनापुर तीर्थ से ही प्रारंभ हुआ है. वैशाख सुदी तीज को अक्षय तृतीय के नाम से जाना जाता है. अक्षय का अर्थ है जिस वस्तु का कभी क्षय न हो अर्थात वस्तु समाप्त न हो. वह महीना वैशाख का था और तिथि तृतीया थी. इसलिए इसका नाम अ ...
राजस्थान में आखातीज यानी अक्षय तृतीया शादियों का सबसे बड़ा सावा होता है और इस दिन को विवाह के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है लेकिन इस बार आखातीज सूनी है। राजस्थान में इस बड़े सावे पर होने वाली लगभग 25,000 शादियां टल गयी हैं। वजह है- कोरोना वायरस संक्रमण ...