अक्षय तृतीया 2020: इसी दिन से शुरू हुआ था त्रेता युग! महर्षि दु्र्वासा ने द्रौपदी से आज ही के दिन कही थी ये बात-पढ़ें पौराणिक कथा

By मेघना वर्मा | Published: April 26, 2020 06:04 AM2020-04-26T06:04:34+5:302020-04-26T06:04:34+5:30

अक्षय तृतीया का ये दिन देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने और सोने-चांदी के आभूषणों की खरीददारी करने के लिए भी प्रसिद्ध है।

Akshaya Tritiya 2020, know the date, shubh muhurat, katha and significance in hindi | अक्षय तृतीया 2020: इसी दिन से शुरू हुआ था त्रेता युग! महर्षि दु्र्वासा ने द्रौपदी से आज ही के दिन कही थी ये बात-पढ़ें पौराणिक कथा

अक्षय तृतीया 2020: इसी दिन से शुरू हुआ था त्रेता युग! महर्षि दु्र्वासा ने द्रौपदी से आज ही के दिन कही थी ये बात-पढ़ें पौराणिक कथा

Highlightsहिन्दू धर्म में अक्षय तृतीया तिथि का मांगलिक कार्यों के लिए विशेष महत्व है। इस बार अक्षय तृतीया का ये पर्व 26 अप्रैल को पड़ रहा है।

हिन्दू धर्म में अक्षय तृतीया को महत्वपूर्ण तिथियों और पर्वों में माना जाता है। अक्षय तृतीया को हर स्थिति में शुभ माना जाता है। ये एक ऐसा दिन होता है जिसमें आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं और उन सभी कार्यों में आपको सफलता मिलती है। 

इस बार अक्षय तृतीया का ये पर्व 26 अप्रैल को पड़ रहा है। मान्यता है कि इस दिन से ही त्रेता युग की शुरुआत हुई थी। माना ये भी जाता है कि विशेष शास्त्रीय उपाय करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु के छठवें अवतार भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन का ही माना जाता है। 

अक्षय तृतीया का ये दिन देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने और सोने-चांदी के आभूषणों की खरीददारी करने के लिए भी प्रसिद्ध है। यही कारण है कि इस दिन लोग सोने या चांदी की कैसी भी वस्तु खरीदते हैं। ऐसा करना शुभ माना जाता है। वैसे तो इसी दिन से बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा शुरू होती है मगर इस बार कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते ऐसा नहीं होगा।

ऋषि दुर्वासा ने कही थी ये बात

वहीं दूसरी ओर अक्षय तृतीया का पौराणिक इतिहास महाभारत काल से मिलता है। बताया जाता है कि जब पाडंवों को 13 वर्ष का वनवास हुआ था तो एक दुर्वासा ऋषि उनकी कुटिया में पधारे थे। तब द्रौपदी से जो भी बन पड़ा, जितना हुआ, उतना उनका श्रद्धा और प्रेमपूर्वक सत्कार किया, जिससे वे काफी प्रसन्न हुए। दुर्वासा ऋषि ने उस दिन द्रौपदी को एक अक्षय पात्र प्रदान किया।

साथ ही उनसे कहा कि आज अक्षय तृतीया है, अतः आज के दिन धरती पर जो भी श्रीहरि विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना करेगा। उनको चने का सत्तू, गुड़, मौसमी फल, वस्त्र, जल से भरा घड़ा तथा दक्षिणा के साथ श्री हरी विष्णु के निमित्त दान करेगा, उसके घर का भण्डार सदैव भरा रहेगा। उसके धन-धान्य का क्षय नहीं होगा, उसमें अक्षय वृद्धि होगी।

अक्षय तृतीया को होते हैं ये दो कार्य

हिन्दू धर्म में अक्षय तृतीया तिथि का मांगलिक कार्यों के लिए विशेष महत्व है। इस तिथि को विवाह करना अच्छा माना जाता है। हालांकि इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण देश भर में लॉकडाउन है। ऐसे में मांगलिक कार्यों पर रोक लगा हुआ है। अक्षय तृतीया के दिन स्वर्ण आभूषण की खरीद करना शुभ माना जाता है, इससे धन संपत्ति में अक्षय वृद्धि होती है।

अक्षय तृतीया मुहूर्त
अक्षय तृतीया - 26 अप्रैल
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त - 05:48 से 12:19 तक
सोना खरीदने का शुभ समय - 05:48 से 13:22 तक
तृतीया तिथि प्रारंभ - 11:51 (25 अप्रैल)
तृतीया तिथि समाप्ति - (26 अप्रैल)

Web Title: Akshaya Tritiya 2020, know the date, shubh muhurat, katha and significance in hindi

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