Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में पिछले दो सप्ताह से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए की जा रही ड्रिलिंग के दौरान मलबे में फंसे अमेरिकी ऑगर मशीन के शेष हिस्से सोमवार तड़के बाहर निकाल लिए गए। अधिकारियों ने बताया कि फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अब हाथ से ड्रिलिंग की जाएगी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस एस सन्धु घटनास्थल पर चल रहे बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए सोमवार को सिलक्यारा पहुंचेंगे।
सुरंग के सिलक्यारा छोर से 25 टन वजनी अमेरिकी ऑगर मशीन के जरिए चल रही ड्रिलिंग में तब रुकावट आई थी जब उसके ब्लेड मलबे में फंस गए। मलबे में हाथ से ड्रिलिंग कर उसमें पाइप डालने के लिए ऑगर मशीन के सभी हिस्सों को पहले बाहर निकाला जाना जरूरी था। सुरंग में करीब 60 मीटर क्षेत्र में फैले मलबे को भेदकर श्रमिकों तक पहुंचने के लिए अब 10-12 मीटर की ड्रिलिंग शेष रह गयी है।
सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए विदेशी विशेषज्ञों की मदद भी ली जा रही है। माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने बताया कि ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा दिया गया है और मैन्युअल ड्रिलिंग किसी भी समय शुरू हो सकती है। उन्होंने बताया कि हमें 9 मीटर हाथ से सुरंग बनाने का काम करना है। यह काम जमीन के व्यवहार पर निर्भर करता है। जल्दी भी हो सकता है और थोड़ा लंबा भी हो सकता है।
आज प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल भी सिल्कयारा टनल बचाव स्थल पर पहुंचे। बता दें कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिसके कारण उसमें काम कर रहे श्रमिक फंस गए थे। उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कई एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है।