Subhas Chandra Bose statue: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर इंडिया गेट पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया। पीएम ने कहा कि ये कालखंड भी ऐतिहासिक है। ये स्थान भी ऐतिहासिक है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत मां के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर पूरे देश की तरफ से मैं आज उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूं। ये दिन ऐतिहासिक है। पिछले साल देश ने नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। आज इस अवसर पर सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार भी दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व में कहा था कि यह प्रतिमा स्वतंत्रता संग्राम में बोस के अतुलनीय योगदान के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी और यह देश के उनके प्रति ऋणी होने का प्रतीक होगी। होलोग्राम प्रतिमा को 30,000 लुमेन 4के प्रोजेक्टर द्वारा संचालित किया जाएगा।
इस प्रतिमा का आकार 28 फुट ऊंचा और 6 फुट चौड़ा है। एक अदृश्य 90 प्रतिशत पारदर्शी होलोग्राफिक स्क्रीन इस तरह से लगाई गई है कि यह आगंतुकों को दिखाई नहीं देती । सरकार ने कहा है कि होलोग्राम का प्रभाव पैदा करने के लिए उस पर नेताजी की थ्रीडी तस्वीर लगाई जाएगी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि नेताजी के जीवन से प्रेरणा लेकर ही इन पुरस्कारों को देने की घोषणा की गई थी। हमारे सामने आज़ादी के सौंवे साल से पहले नए भारत के निर्माण का लक्ष्य है नेताजी को देश पर विश्वास था, उनके ही भावों के कारण मैं कह सकता हूं कि दुनिया की कोई भी ताकत नहीं है जो भारत को इस लक्ष्य तक पहुंचने से रोक सके।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि नेताजी, जिन्होंने हमें स्वाधीन और समप्रभु भारत का विश्वास दिलाया था, जिन्होंने बड़े गर्व, आत्मविश्वास और साहस के साथ अंग्रेजों के सामने कहा था कि मैं स्वतंत्रता की भीख नहीं लूंगा, मैं इसे हासिल करूंगा।ये प्रतिमा आजादी के महानायक को कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि है। नेताजी सुभाष की ये प्रतिमा हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं को, हमारी पीढ़ियों को राष्ट्रीय कर्तव्य का बोध कराएगी। आने वाली और वर्तमान पीढ़ी को निरंतर प्रेरणा देती रहेगी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले एक-एक साइक्लोन में सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो जाती थी, लेकिन पिछले दिनों आए साइक्लोन में ऐसा नहीं हुआ। देश ने हर चुनौती का जवाब एक नई ताकत से दिया। इन आपदाओं में हम ज्यादा से ज्यादा जीवन बचाने में सफल रहे। उत्तर प्रदेश में जो नए एक्सप्रेस वे बन रहे हैं, उनमें भी आपदा प्रबंधन से जुड़ी बारीकियों को प्राथमिकता दी गई है। आपात स्थिति में ये एक्सप्रेस वे विमान उतरने के काम आ सकें, इसका भी प्रावधान किया गया है।