RIP CDS General Bipin Rawat: तमिलनाडु के नीलगिरी की पहाड़ियों में स्थित पश्चिमी घाट के गांव में चाय बागानों में काम करने वाले मजदूर उस समय आश्चर्यचकित रह गए जब उन्होंने जंगलों में जोरदार धमाके की आवाज के साथ ही आग की लपटों को उठते देखा।
बुधवार को दोपहर के समय भी वहां धुंध छायी हुयी थी। हालांकि न तो कोई मजदूर न ही उनके परिवार के सदस्य कुछ समझ पाए कि वहां क्या हो रहा है और कुछ स्थानीय लोग दुर्घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचे, जहां भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इसमें भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और हेलीकॉप्टर में सवार 11 अन्य लोगों की मृत्यु हो गई। बरहाल, वे दुर्घटनास्थल के बहुत नजदीक नहीं जा पाए क्योंकि आग की लपटें काफी तेज थीं। दुर्घटना एक जंगली क्षेत्र में हुयी, जो चाय बागान के नजदीक था और यह पहाड़ियों एवं घाटियों से घिरा हुआ इलाका है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बड़ी तेज आवाज आई, आग की लपटें काफी तेज थीं जिसमें हेलीकॉप्टर नष्ट हो गया, इस पर सवार लोगों की मौत हो गई और बड़े-बड़े वृक्ष राख में तब्दील हो गए।
चेन्नई में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘हेलीकॉप्टर जंगली क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जो एक चाय बागान के काफी नजदीक है। इस क्षेत्र तक जाने का मुख्य मार्ग चाय बागान से होकर जाता है। दुर्घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों और मजदूरों ने देखा कि क्या हुआ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा अधिकारी दुर्घटना के बारे में बताएंगे।’’ कुछ लोग जब नजदीक पहुंचे तो उन्होंने जो देखा उस पर उन्हें विश्वास नहीं हुआ। जब उन्होंने ‘जलती हुई वस्तु’ देखी तो पहले सोचा कि यह किसी पेड़ की शाखा हो सकती है, और नजदीक जाने पर वहां जलते मांस की गंध से उन्हें आभास हुआ कि किसी व्यक्ति का शव जल रहा है। जब उन्होंने थोड़ी दूरी पर एक युवा सैनिक के आंशिक जले हुए शव को देखा तो उन्हें स्थिति की गंभीरता का अंदाजा हुआ।