Rampur Lok Sabha seat: हर संसदीय चुनाव में देश के लोगों की निगाहें रामपुर पर जरूर टिकती रही हैं. आजादी के बाद रामपुर मौलाना अबुल कलाम आजाद का चुनावी क्षेत्र था. फिर रामपुर के नवाब खानदान की सक्रिय चुनावी भागीदारी ने इस विख्यात किया. इसके बाद नवाब खानदान और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख नेता आजम खान के बीच हुए चुनावी संघर्ष के कारण रामपुर चुनावी सुर्खियों में रहा. फिल्म स्टार जयाप्रदा के ग्लैमर ने भी रामपुर के चुनावी रंग को फैलाया. अब इस बार सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पोते और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुखिया लालू प्रसाद के दामाद तेज प्रताप यादव के कारण यह सीट सुर्खियों में रहेगी. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने तेज प्रताप को रामपुर सीट से चुनाव लड़ाने का फैसला कर लिया है.
अब मंगलवार को इसका ऐलान किया जाएगा. अखिलेश यादव के इस फैसले चलते अब मुस्लिम बाहुल्य रामपुर सीट पर कई दलों के नेताओं के राजनीतिक इकबाल की परीक्षा होगी. गौरतलब है, बीते लोकसभा चुनाव में आजम खान इस सीट से चुनाव जीते थे. हालांकि आजम खान लंबे समय तक सांसद नहीं रह सके क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था.
भाजपा ने घनश्याम सिंह लोधी को चुनाव मैदान में उतारा
इस्तीफे के बाद यहां पर कराए गए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घनश्याम सिंह लोधी ने सपा से यह सीट झटक ली. घनश्याम सिंह ने 42,192 मतों के अंतर से सपा उम्मीदवार और आजम खान के खास कहे जाने वाले मोहम्मद असीम रजा को हराया था. अब फिर भाजपा ने घनश्याम सिंह लोधी को चुनाव मैदान में उतारा है.
जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने सपा के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए जीशान खान को चुनाव मैदान में उतारा है. भाजपा और बसपा के उक्त राजनीतिक दांव पेंच को देखते हुए बीते दिनों अखिलेश यादव सीतापुर जेल में बंद आजम खान से मिलने गए थे. इस दौरान दोनों के बीच रामपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी को लेकर मंथन हुआ.
भाजपा और सपा के उम्मीदवार के बीच में सीधा चुनावी संघर्ष होगा
जिसके बाद यादव परिवार के ही किसी सदस्य को रामपुर सीट से चुनाव लड़ाने का फैसला हुआ. इस सीट पर आजम खान और उनके परिवार का दबदबा रहा है. जेल में रहने के बावजूद आजम खान 2019 का लोकसभा चुनाव यहां से जीते. ऐसे में अब इस सीट पर भाजपा और सपा के उम्मीदवार के बीच में सीधा चुनावी संघर्ष होगा.
इस चुनावी संघर्ष में मुस्लिम मतदाता अहम भूमिका निभाएगा क्योंकि यहां पर मुस्लिम मतदाताओं की सबसे अधिक है. रामपुर में मुस्लिम वोटर्स की संख्या करीब 55 फीसदी हैं तो हिंदू वोटर्स की संख्या 43% है. इसके बाद लोधी वोटर्स आते हैं. यही वजह थी कि भाजपा ने यहां घनश्याम लोधी को फिर चुनाव मैदान में उतारा है. फिलहाल अब इस सीट पर लालू प्रसाद यादव, अखिलेश यादव, आजम खान के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक इकबाल दांव पर लग गया है.
कौन हैं तेज प्रताप यादव? तेज प्रताप यादव लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं. उनकी शादी लालू यादव की छोटी बेटी राजलक्ष्मी से हुई है. तेज प्रताप यादव मैनपुरी से सांसद भी रह चुके हैं. पीएम मोदी तेज प्रताप यादव की शादी में आशीर्वाद देने पहुंचे थे