Nawada LS Seat 2024: बिहार में नवादा लोकसभा क्षेत्र से कुल 17 लोगों ने नामांकन कराया है, लेकिन नाम वापसी और स्क्रूटनी की प्रक्रिया बाकी है। इन प्रक्रिया के बाद जो लोग चुनाव में बचेंगे, उनमें दिलचस्प मुकाबला होने के आसार हैं। सबसे ज्यादा चरा लोगों पर नवादा के मतदाताओं की निगाहें टिकी है। जिनमें भाजपा के विवेक ठाकुर, राजद के श्रवण कुशवाहा और निर्दलीय भोजपुरी के सुपरस्टार गुंजन सिंह और राजद से बागी निर्दलीय उम्मीदवार विनोद यादव शामिल है। वहीं, पर्चा दाखिल करने के बाद विवेक ठाकुर काफी कॉन्फिडेंट दिखे और जीत को लेकर वह आश्वस्त दिखे। विवेक ठाकुर ने कहा कि एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स में नवादा का भी नाम रहा है और यह काफी दुर्भाग्य है कि आजादी के इतने साल बीत जाने के बाद भी आज भी नवादा को एस्पिरेशनल डिस्टिक में रखा गया है।
एस्पिरेशनल डिस्टिक के धब्बे को हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूत बनकर वह आए हैं और आने वाले समय में इस धब्बे को वह हटाएंगे। इसलिए वो जिले को विकसित जिला बनाएंगे यही उनकी प्राथमिकता है। नवादा से बिहार के चर्चित डाक्टर पद्मश्री सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर को भाजपा ने मैदान में उतारा है। वैसे तो ये राजनीति में पहले से सक्रिय हैं, लेकिन अभी वो राज्यसभा के सांसद है।
अब पहली बार सीधा जनता के बीच जाकर अपने पक्ष में वोट अपील करते नजर आएंगे। सीपी ठाकुर बिहार भाजपा के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं। विवेक महज 24 साल की उम्र में ही भाजपा के सदस्य बन गए थे। उनकी मेहनत को देखते हुए जल्द ही भाजपा की राष्ट्रीय राजनीति में उनको प्रवेश मिल गया था। वह बिहार के ब्रह्मपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं।
हालांकि, उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। वे एक वर्ष तक बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। पार्टी ने 2020 में उनको उनके पिता डॉक्टर सीपी ठाकुर की जगह राज्यसभा भेजा था। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की जनसंख्या 25 लाख 14 हजार 399 हैं, जिसमें से 89 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में और 10 प्रतिशत जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में निवास करती है।
परिसीमन से पहले नवादा एससी आरक्षित सीट हुआ करती थी, लेकिन 2009 के चुनाव से पहले इसे सामान्य सीट में बदल दिया गया। 2009 और 2014 में यहां भाजपा ने कब्जा जमाया। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने गठबंधन की सहयोगी लोजपा को यह सीट दी। अभी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के चंदन सिंह नवादा से सांसद हैं।
लोकसभा चुनावों के 70 वर्षों के इतिहास में मात्र दो ही बार ऐसा अवसर आया है कि नवादा की धरती के लाल संसद की सीढियां लांघ कर सदन में पहुंचे हैं। यहां बाहरी बनाम स्थानीय का मुद्दा हमेशा हावी होता है। पार्टियों के राजनीतिक कार्यकर्ता और वोटर स्थानीय उम्मीदवार की मांग करते हैं।
लेकिन अंतिम समय में प्रमुख राजनीतिक पार्टियां बाहरी उम्मीदवारों को टिकट दे देती हैं। चुनाव प्रचार के बाद बाहरी लोग ही जीतकर संसद पहुंचते हैं। स्थानीय बनाम बाहरी की मांग तो होती है। नवादा में भूमिहार की संख्या सबसे ज्यादा है। यादव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है। तो वहीं दूसरी जातियां के वोट यहां निर्णायक साबित होते रहे हैं।