नई दिल्ली: अमेरिकी वायु सेना ने विमान बनाने वाली कंपनी सिएरा नेवादा कॉर्प को नए ई-4बी विमान बनाने के लिए 13 अरब डॉलर का अनुबंध दिया है। इस विमान को परमाणु युद्ध से बचने की क्षमता के कारण डूम्सडे विमान के रूप में जाना जाता है। यह विमान किसी परमाणु हमले की स्थिति में अमेरिका के राष्ट्रपति की रक्षा करेगा। वायु सेना ने कहा है कि सर्वाइवेबल एयरबोर्न ऑपरेशंस सेंटर (एसएओसी) परियोजना का उद्देश्य 1970 के दशक के पुराने विमानों को बदलना है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल अमेरिका के पास ऐसे चार विमान हैं लेकिन वो जल्द ही सेवा से रिटायर होने वाले हैं। विमान बनाने का काम कोलोराडो, नेवादा और ओहियो में किया जाएगा और इसके 2036 में पूरा होने की उम्मीद है। इन विमानों को हथियार प्रणाली से भी लैस किया जाएगा। नए विमान अत्याधुनिक होंगे। ई-4बी को एक मोबाइल कमांड पोस्ट के रूप में डिज़ाइन किया गया है जो परमाणु विस्फोटों और विद्युत चुम्बकीय प्रभावों को झेलने में सक्षम है।
इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से अमेरिकी रक्षा सचिव और राष्ट्रपति के लिए किया जाता है। किसी भी आपातकाल की स्थिति में सेना को हवा में रहते हुए भी निर्देश दिया जा सकता है। E-4B हवा में ईंधन भरने में भी सक्षम है और इसमें कॉन्फ्रेंस और ब्रीफिंग रूम भी होंगे। इसमें उन्नत संचार उपकरण भी लगाए जाएंगे।
अमेरिकी वायु सेना वर्तमान में चार E-4B विमान संचालित करती है, जिनमें से कम से कम एक हर समय अलर्ट पर रहता है। पुराने बोइंग 747-200 जंबो जेट विमानों के बेड़े का रखरखाव काफी कठिन और महंगा हो गया है क्योंकि इसके हिस्से पुराने हो गए हैं। इसलिए इन्हें बदल कर नए E-4B विमान शामिल करने का फैसला किया गया।
भविष्य में होने वाले किसी परमाणु की स्थिति में अमेरिका के राष्ट्रपति इस प्लेन में बैठकर उड़ान भर सकते हैं और सुरक्षित जगह पहुंच सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति और एयरफोर्स का कमांड और कंट्रोल सिस्टम इसी जहाज में होगा। इस तरह यह विमान एक उड़ता हुआ वॉर रूम होगा।