Gangster Mukhtar Ansari Death Update: 'दंगों में खुली जीप में घूमता था मुख्तार अंसारी', 20 साल पहले उसका भय का साम्राज्य चरम पर था
By धीरज मिश्रा | Published: March 29, 2024 11:35 AM2024-03-29T11:35:46+5:302024-03-29T13:18:46+5:30
Krishnanand Rai Murder Mukhtar Ansari: गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की मौत पर पूर्व डीएसपी शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि साल 2004 में यानि की आज से 20 साल पहले मुख्तार अंसारी के भय का साम्राज्य चरम पर था।
Krishnanand Rai Murder Mukhtar Ansari: गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की मौत पर पूर्व डीएसपी शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि साल 2004 में यानि की आज से 20 साल पहले मुख्तार अंसारी के भय का साम्राज्य चरम पर था। गैंगस्टर को सरकार का संरक्षण प्राप्त था। यही वजह है कि वह मऊ में हुए दंगों में खुली जीप में घूमता था। जहां कर्फ्यू लगा हुआ था। किसी की हिम्मत नहीं होती थी कि उसके खिलाफ बोल दें।
#WATCH | Lucknow: Gangster-turned-politician Mukhtar Ansari's death | Former DSP Shailendra Singh says, "20 years ago, in 2004, Mukhtar Ansari's empire was at its peak. He would move around in open jeeps in areas where curfew was imposed. That time I recovered a Light Machine… pic.twitter.com/tMIAycGCXj
— ANI (@ANI) March 29, 2024
कार्रवाई की बात तो छोड़ दीजिए। उस समय मैंने एक लाइट मशीन गन बरामद की थी, इससे पहले कोई बरामदगी नहीं हुई थी। आज 20 साल बाद भी कोई गन बरामद नहीं हुई। मैंने उस पर पोटा भी लगाया। मैंने तब स्टैंड लिया कि यह गलत है और इसे जेल जाना होगा। लेकिन, मुलायम की सरकार किसी भी कीमत पर इसे बचाना चाहती थी।
उन्होंने अधिकारियों पर दबाव डाला, आईजी-रेंज, डीआईजी और एसपी-एसटीएफ का तबादला कर दिया गया, यहां तक कि मुझे 15 के भीतर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। लेकिन मैंने अपने इस्तीफे में अपना कारण लिखा और जनता के सामने रखा कि यह वही सरकार है जिसे आपने चुना था, जो माफियाओं को संरक्षण दे रही है और उनके आदेश पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि पुलिस की ड्यूटी है कि ऐसे असमाजिक तत्वों को रोका जाए जो जनता के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा कि 20 साल पहले भी मैं अपनी ड्यूटी कर रहा था। मुझे किसी के एहसान की जरूरत नहीं हैं। लेकिन मुझ पर दबाव बनाया गया। उस दौरान जो भी ईमानदारी से काम करना चाहता था, उन पर दबाव बनाया गया।
इसलिए मैंने सोचा कि अब तो मैं माफियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले सकता हूं। इसलिए मैंने इस्तीफा दिया। क्योंकि मैं जनता को बताना चाहता था कि यह भी एक पक्ष है और इस पक्ष को जनता भी देखें कि उन्होंने किन्हें सरकार में बैठने का मौका दिया है।