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ओडिशा: 5वीं बार सीएम बने नवीन पटनायक, इस कार्यकाल में तोड़ेंगे ज्योति बसु-चामलिंग का रिकॉर्ड

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 29, 2019 12:43 PM

सियासी तूफानों को झेलने में माहिर नवीन पटनायक ने लगातार पांचवीं बार ओडिशा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और उड़िया ठीक से नहीं बोल पाने वाले इस मृदुभाषी नेता ने ‘मोदी लहर’ में भी अपना जनादेश पूरी शिद्दत से बचाते हुए ओडिशा के इतिहास का नया अध्याय लिख डाला ।

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ठळक मुद्देभाजपा-बीजद गठजोड़ ने 2000 में राज्य विधानसभा चुनाव जीता, पहली बार नवीन पटनायक मुख्यमंत्री बने विधानसभा चुनाव में बीजू जनता दल ने 147 सदस्यीय विधानसभा में 112 सीटें जीती हैं।

 बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने बुधवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। पटनायक को राज्यपाल गणेशी लाल ने यहां इडको प्रदर्शनी मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। हाल ही में लोकसभा चुनाव के साथ ही ओडिशा में संपन्न विधानसभा चुनाव में बीजू जनता दल ने 147 सदस्यीय विधानसभा में 112 सीटें जीती हैं। बीजद 2000 से ओडिशा में सत्ता में है। पहली बार नवीन पटनायक ने एक खुले सार्वजनिक मैदान में शपथ ली। 

वर्ष 2000, 2004, 2009 और 2014 में उन्होंने राजभवन में शपथ ली थी। शपथ ग्रहण समारोह में नवीन पटनायक के बड़े भाई एवं उद्योगपति प्रेम पटनायक, बहन एवं जानी मानी लेखिका गीता मेहता एवं उद्योग जगत से लेकर विभिन्न क्षेत्रों की प्रख्यात हस्तियां मौजूद थीं। बीजद के समर्थकों एवं जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने भी समारोह में हिस्सा लिया। 

बता दें कि कुदरती और सियासी तूफानों को झेलने में माहिर नवीन पटनायक ने लगातार पांचवीं बार ओडिशा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और उड़िया ठीक से नहीं बोल पाने वाले इस मृदुभाषी नेता ने ‘मोदी लहर’ में भी अपना जनादेश पूरी शिद्दत से बचाते हुए ओडिशा के इतिहास का नया अध्याय लिख डाला । 1997 में अपने पिता और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक के निधन के बाद पार्टी की कमान संभाली। नवीन पटनायक की पहचान शुरूआत में उनके बेटे के रूप में ही रही लेकिन आज वह एक स्वतंत्र, दमदार एवं लोकप्रिय नेता के तौर पर जाने जाते हैं । अपने पिता की लोकसभा सीट अस्का से 1997 में चुनाव लड़कर राजनीति में कदम रखने वाले नवीन पटनायक ने धीरे धीरे राज्य के लोगों के दिलों खास जगह बनाई। 

1998 में जनता दल टूट गया और पटनायक ने बीजू जनता दल बनाया । उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन किया और 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे । पटनायक 1998 और 1999 में अस्का से फिर चुने गए । भाजपा-बीजद गठजोड़ ने 2000 में राज्य विधानसभा चुनाव जीता तो नवीन पटनायक ही मुख्यमंत्री बने। पिछले 19 सालों से पटनायक लगातार मुख्यमंत्री बने हुए हैं। उनसे ज्यादा सिर्फ पवन कुमार चामलिंग और ज्योति बसु ही मुख्यमंत्री पद पर रहे हैं। अगले 5 सालों में पटनायक इन दोनों दिग्गज नेताओं का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।

टॅग्स :नवीन पटनायकओडिशा विधानसभा चुनाव 2019ओड़िसा
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