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असम दौरे पर PM नरेंद्र मोदी ने AFSPA को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा- पूरे पूर्वोत्तर से हटाने के प्रयास जारी

By विशाल कुमार | Published: April 28, 2022 2:21 PM

मोदी ने असम के कार्बी आंगलोंग जिले के लोरिंगथेपी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि लंबे समय से पूर्वोत्तर के कई राज्य आफ्स्पा के दायरे में थे। लेकिन पिछले आठ वर्षों में, स्थायी शांति और बेहतर कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण हमने क्षेत्र के कई हिस्सों से अधिनियम के प्रावधानों को हटा दिया।

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ठळक मुद्देमोदी ने असम के कार्बी आंगलोंग जिले के लोरिंगथेपी में एक जनसभा को संबोधित किया।मोदी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में पूर्वोत्तर में हिंसक घटनाओं में 75 फीसदी की गिरावट आई है।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि असम 23 जिलों से आफ्स्पा को हटा दिया गया है।

गुवाहाटी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार  पूरे पूर्वोत्तर को सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (आफ्स्पा) को हटाने का प्रयास कर रही है।

मोदी ने असम के कार्बी आंगलोंग जिले के लोरिंगथेपी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि लंबे समय से पूर्वोत्तर के कई राज्य आफ्स्पा के दायरे में थे। लेकिन पिछले आठ वर्षों में, स्थायी शांति और बेहतर कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण हमने क्षेत्र के कई हिस्सों से अधिनियम के प्रावधानों को हटा दिया।

बता दें कि, पिछले साल दिसंबर में नागालैण्ड के मोन जिले में 14 निर्दोष नागरिकों की हत्या के बार आफ्स्पा को हटाए जाने को लेकर एक बार फिर से बहस तेज हो गई थी। मार्च में केंद्र ने क्षेत्र में कानून के दायरे में अशांत क्षेत्रों को कम किया।

मोदी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में पूर्वोत्तर में हिंसक घटनाओं में 75 फीसदी की गिरावट आई है और इसीलिए मेघालय और त्रिपुरा को आफ्स्पा के दायरे से हटा दिया गया है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि असम 23 जिलों से आफ्स्पा को हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य हिस्सों के साथ ही नागालैण्ड और मणिपुर के हिस्सों से भी आफ्स्पा को हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को कुचलने के लिए अंग्रेजों ने नागरिक पुलिस की सहायता में सशस्त्र बलों को जोड़ने के लिए अगस्त 1942 में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अध्यादेश लागू किया था।

औपनिवेशिक समय के इस कानून को भारतीय संसद ने 1958 में मंजूरी दे दी और यह कानून सशस्त्र बलों को अशांत क्षेत्रों में सार्वजनिक व्यवस्था को नियंत्रित करने और बनाए रखने की अनुमति देता है।

मोदी ने पिछले सितंबर में कार्बी आंगलोंग में छह विद्रोही संगठनों के साथ-साथ 2020 में तीन बोडो संगठनों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए शांति समझौते की भी प्रशंसा की।

टॅग्स :नरेंद्र मोदीअसमNortheastनागालैंडमणिपुर
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