नयी दिल्ली: कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने बुधवार को आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ‘साम्प्रदायिक’ सोच वाले व्यक्ति थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री अय्यर ने पूर्व पीएम राव को देश में ‘भाजपा का पहला प्रधानमंत्री’ बताया है। अय्यर ने यह टिप्पणी अपनी आत्मकथा ‘‘मेमोयर्स ऑफ अ मैवरिक - द फर्स्ट फिफ्टी ईयर्स (1941-1991)’’ के बाजार में आने के मौके पर की।
मणिशंकर अय्यर ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ वार्ता बहाली पर जोर देते हुए कहा कि जब पड़ोसी देश की बात आती है तो हमारे पास उनके खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करने का साहस होता है लेकिन हमारे पास किसी पाकिस्तानी के साथ बैठने और उनके साथ बातचीत करने का साहस नहीं होता है।
जगरनॉट बुक्स द्वारा प्रकाशित ‘‘मेमोयर्स ऑफ अ मैवरिक - द फर्स्ट फिफ्टी ईयर्स (1941-1991)’’ नाम की उनकी आत्मकथा में दून स्कूल से लेकर सेंट स्टीफंस कॉलेज और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तक और शीर्ष राजनयिक से लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी सहयोगी तक के सफर को कलमबद्ध किया गया है।
मणिशंक अय्यर ने अपनी इस किताब के औपचारिक विमोचन पर वरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी के साथ बातचीत में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से अपने रिश्ते से लेकर दिसंबर 1978 से जनवरी 1982 के बीच कराची में महावाणिज्यदूत के अपने कार्यकाल के बारे में खुलकर चर्चा की।
इस मौके पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी भी मौजूद थीं। सवाल-जवाब के दौर में जब पत्रकार वीर सांघवी ने उनसे बाबरी मस्जिद मुद्दे को लेकर राजीव गांधी की उनकी आलोचना के बारे में सवाल किया तो अय्यर ने कहा, "मुझे लगता है कि राम मंदिर का शिलान्यास गलत था।"
किताब के विमोचन के मौके पर की टिप्पणियों में अय्यर ने कहा कि उन्हें अहसास हो गया था कि पी वी नरसिंह राव कितने 'साम्प्रदायिक' और 'हिंदूवादी' थे। अय्यर ने अपनी ‘राम-रहीम’ यात्रा के संदर्भ में कहा, ‘‘नरसिंह राव ने मुझे बताया कि उन्हें मेरी यात्रा से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन वह धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा से असहमत थे। मैंने कहा था कि धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा में क्या गलत है।"
उस वक्त के प्रधानमंत्री राव ने उनसे कहा, "मणि ऐसा लगता है कि आप नहीं समझते कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है। मैं अपनी कुर्सी पर बैठ गया और कहा कि भाजपा भी यही कहती है।’’
इस बात के साथ मणिशंकर अय्यर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पहले प्रधानमंत्री दरअसल अटल बिहारी वाजपेयी नहीं थे बल्कि भाजपा के पहले पीएम नरसिम्हा राव थे।