मथुराः भारतीय फिल्म जगत में शोमैन की विशिष्ट पहचान रखने वाले सुप्रसिद्ध अभिनेता फिल्म निर्माता एवं निर्देशक राज कपूर के जन्म शताब्दी के अवसर पर मथुरा की विभिन्न सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्थाओं ने संगीतमय श्रद्धांजलि अर्पित की। शुक्रवार को गोविन्द नगर स्थित होटल मनभावन में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों द्वारा राज कपूर की फिल्मों के लोकप्रिय गानों पर शानदार मनमोहक प्रस्तुतियों से उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया। राज कपूर स्मृति आयोजन समिति के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ आर के चतुर्वेदी ने राज कपूर की जीवन यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि समय के साथ राज कपूर को अपनी फिल्मों से समझौता करना पड़ा।
वह राज कपूर जिनकी शुरुआत सामाजिक सरोकार की फिल्मों से हुई, समय के बदलते उन्हें व्यावसायिक फिल्मों की ओर मुड़ना पड़ा ।एक ओर जहां उनकी फिल्मों ने मनोरंजन किया , दूसरी ओर उनकी फिल्मों से कोई न कोई बड़ा सामाजिक संदेश मिलता रहा। नारी को केंद्र में रखकर बनाई गई उनकी फिल्मों में नायिका का अपना अलग ही महत्व झलकता है।
भारत के अलावा अन्य बहुत से देश में राज कपूर की फिल्मों को बड़े पैमाने पर पसंद किया गया ।उस दौर में भारत से प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद राज कपूर की अंतरराष्ट्रीय पहचान थी। कार्यक्रम में राज कपूर की जीवन यात्रा पर एक शानदार डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया जिसमें राज कपूर के श्वेत श्याम सिनेमा से लेकर रंगीन सिनेमा की यात्रा तक तथा उनके बचपन से लेकर जवानी और निधन तक के उतार-चढ़ाव को विस्तार से प्रस्तुत किया । आकर्षक रंगीन एवं श्वेत श्याम पोस्टरों से कार्यक्रम स्थल को सजाया गया।
कार्यक्रम में राज कपूर की फिल्मों में राज कपूर द्वारा गाए गए एवं अभिनीत गीतों पर मथुरा के रंग कर्मियों ने गायन, नृत्य एवं अभिनय से दर्शकों का खूब मनमोह कर तालिया बटोरीं। साधना भार्गव एवं विजय शर्मा के सफल संचालन में संपन्न हुए इस कार्यक्रम में मेरा जूता है जापानी, जीना यहां मरना यहां, कहता है जोकर सारा जमाना, दुनिया बनाने वाले, किसी की मुस्कुराहटों पर हो निसार,रमैया वस्तावैया ,आवारा हूं, आजा सनम मधुर चांदनी में हम ,एक राधा एक मीरा, कुछ नहीं है भाता जब रोग ये लग जाता, सत्यम शिवम सुंदरम,मैं शायर तो नहीं, मेरे जागने से पहले , सुन साहिबा सुन गीतों को मनोज राठौर, आकाश शर्मा ,निमेष शर्मा, अंकित वाधवा, यशस्वी राठौर, कविता, अंजलि, आकांक्षा ने गाया तथा अनूप जाना, साजन चतुर्वेदी, कुमारी रिषिता, कमल पचौरी, ज्योति सैनी ,कीर्ति पाल ,आरती, सचिन मैसी एवं मांडवी राठौर ने अभिनय और नृत्य कर कार्यक्रम को यादगार बना दिया। कलाकारों का मेक अप एवं वस्त्र विन्यास अनिल स्वामी, वैभव एवं हर्षित कश्यप ने किया।
दीपक जादौन एवं भुवनेश उपाध्याय ने डॉक्यूमेंट्री को निर्मित किया। योगेश शर्मा, राज किशोर अग्रवाल एवं टीकेंद्र शाद ने सभी गायकों एवं कलाकारों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया । डॉ धर्मराज ने सभी का आभार व्यक्त कर धन्यवाद ज्ञापन किया। कृष्ण रंगम थिएटर ,आरंभ नाट्यशाला ,भारतीय जननाट्य संघ इप्टा, जन सांस्कृतिक मंच, व्हाइट फ्रेम थिएटर ,जनवादी लेखक संघ ,श्रेयांश म्यूजिकल अकैडमी के संयुक्त सहयोग से हुए इस कार्यक्रम का कोऑर्डिनेशन रवि प्रकाश भारद्वाज ने एवं व्यवस्था प्रबंधन मुरारी लाल अग्रवाल ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से अनिल बाजपेई, चंद्र प्रताप सिकरवार, देवेंद्र पाल , प्रीति अग्रवाल , एडवोकेट राकेश भार्गव,उपेंद्र चतुर्वेदी ,अनीता अग्रवाल, मीनू गोयल, प्रहलाद सिंह, विवेक दत्त मथुरिया, जीत चौधरी ' बंटी' रवि शर्मा,सौरभ चतुर्वेदी , प्रमोद लवानिया,बंटी आदि उपस्थित थे।