शुक्रवार को देशभर के हजारों किसानों ने कर्जमाफी और एमएसपी के मुद्दे पर संसद मार्च किया। खेती-किसानी से जुड़े मुद्दे पर विपक्षी दल एक मंच पर आ गए और सत्ताधारी बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर हमला बोला। 2019 लोकसभा चुनाव से विपक्ष यह संदेश देना चाहता है कि केंद्र सरकार किसानों के प्रति उदासीन है और उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है।
कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी और सीपीएम से लेकर तृणमूल कांग्रेस तक; अलग-अलग विचारधारा और क्षेत्र की पार्टियों ने किसानों के मुद्दे पर एकजुटता दिखाई। किसान मुक्ति मार्च के मंच पर सभी राजनेताओं ने अपने वादों से मुकरने के लिए पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने युवा और किसानों से आवाह्न किया कि बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंके।
किसान मुक्ति मार्च को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि किसान अनिल अंबानी का एयरक्राफ्ट नहीं मांग रहे हैं। वो कर्जमाफी और अपनी फसलों का उचित दाम मांग रहे हैं। ये उनका हक है। राहुल गांधी की आवाज में शरद यादव, अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी, शरद पवार, दिनेश त्रिवेदी, सुधाकर रेड्डी और फार्रुख अब्दुल्ला ने भी आवाज मिलाई और बीजेपी सरकार को किसान विरोधी करार दिया।
यहां देखें राहुल गांधी का भाषण-
किसान मुक्ति मार्च के मंच पर जुटे राजनेताओं ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के उन दो बिलों पर भी अपना समर्थन जताया जो राजू शेट्टी और केके राजेश लोकसभा और राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर बिल के रूप में ला रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'जितनी चिंता आपको अंबानी और अडानी की रहती हैं, उसे टेन परसेंट चिंता किसानों की कर लो... किसानों को दोबारा प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। और अगर आपने नहीं की, तो अगली बार वोट भी अंबानी और अडानी से जाके ले लेना, यहां वोट मांगने मत आना।'
यहां देखें अरविंद केजरीवाल का भाषण-
शुक्रवार सुबह 10.15 बजे रामलीला मैदान से किसानों का मार्च शुरू हुआ। इस मार्च में यूपी, एमपी, बिहार, पंजाब, हरियाणा के साथ दक्षिण में कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु केस किसान जुटे। भाषा और भौगोलिक सीमाओं से परे किसानों ने अपनी समस्याओं पर एकजुटता दिखाई। दोपहर 12.30 बजे किसान संसद मार्ग पहुंच गए। उसके बाद अलग-अलग वक्ताओं ने अपनी बात रखी।