Saran Lok Sabha Seat 2024: चुनाव से पहले हरिहरनाथ मंदिर पहुंचे लालू यादव, मीसा भारती-रोहिणी आचार्या के साथ लिया आशीर्वाद, पाटलिपुत्र और सारण सीट से लड़ेंगी चुनाव, जानिए इतिहास

By एस पी सिन्हा | Published: April 1, 2024 04:16 PM2024-04-01T16:16:53+5:302024-04-01T17:07:50+5:30

Saran Lok Sabha Seat 2024: बेटियों मीसा भारती और रोहिणी आचार्या को लेकर सोनपुर स्थित हरिहरनाथ मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना कर विजय का आशीर्वाद मांगा।

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Highlightsलालू की लाडली रोहिणी आचार्य पहली बार अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने जा रही हैं। लालू यादव ने राजद के टिकट पर रोहिणी आचार्य को सारण लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। मां राबड़ी देवी और बहन मीसा भारती के साथ बाबा हरिहरनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक कर चुनाव अभियान की शुरुआत की।

Saran Lok Sabha Seat 2024: लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने के बाद अब राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी अपने चुनावी अभियान के आगाज का ऐलान कर दिया है। चुनावी अभियान की शुरुआत से पहले रोहिणी आचार्य अपने माता-पिता और बहन मीसा भारती के साथ सोनपुर स्थित बाबा हरिहरनाथ मंदिर पहुंची, जहां उन्होंने विधिवत तरीके से पूजा-अर्चना की। सोमवार की सुबह लालू प्रसाद यादव लोकसभा उम्मीदवार अपनी दोनों बेटियों मीसा भारती और रोहिणी आचार्या को लेकर सोनपुर स्थित हरिहरनाथ मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना कर बेटियों के विजय का आशीर्वाद मांगा।

लालू की लाडली रोहिणी आचार्य पहली बार अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने जा रही हैं। लालू यादव ने राजद के टिकट पर रोहिणी आचार्य को सारण लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। रोहिणी आचार्य ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव, मां राबड़ी देवी और बहन मीसा भारती के साथ बाबा हरिहरनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक कर चुनाव अभियान की शुरुआत की।

पिता लालू प्रसाद और मां राबड़ी देवी के साथ रोहिणी आचार्य काफी देर तक मंदिर में रहीं, जहां पुजारियों द्वारा पूजा-अर्चना कराई गई। लालू और रोहिणी के आने से पहले मंदिर के बाहर और अंदर नेताओं के साथ साथ समर्थकों को जनसैलाब देखने को मिला जहां लोगों ने लालू यादव और रोहिणी आचार्य के लिए जमकर नारेबाजी की।

बता दें कि रोहिणी आचार्य मंगलवार से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कर रही हैं। इस सिलसिले में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा किया है और पूरा रोडमैप शेयर किया है। मंदिर में पूजा के दौरान लालू परिवार ने मीडिया से दूरी बनाए रखी और कोई बात नहीं की। पूजा करने के बाद लालू प्रसाद का परिवार वापस पटना लौट गया।

वहीं, दो-तीन दिन पहले भाजपा के उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी ने इसी मंदिर से पूजा अर्चना कर अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की थी। उल्लेखनीय है कि लालू की बेटी रोहिणी बिहार के सारण जिले में राजीव प्रताप रूडी को टक्कर देंगी। यहां पांचवे चरण में 22 मई को मतदान होगा। रोहिणी और भाजपा के रुढ़ी  के बीच बड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।

राजद की ओर से इसकी तैयारी तेज कर दी गई है। 44 वर्षीय डॉ. रोहिणी आचार्य लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 9 बच्चों में दूसरे नंबर की बेटी हैं। तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव उनसे छोटे हैं। उनसे बड़ी बहन राज्यसभा सांसद मीसा भारती हैं। रोहिणी का जन्म बिहार की राजधानी पटना में हुआ था। उनका पालन पोषण पटना में ही हुआ है।

रोहिणी ने शुरुआती शिक्षा भी पटना से ही हासिल की है। एमजीएम कॉलेज जमशेदपुर से उन्होंने एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की। डॉ. रोहिणी आचार्य की शादी रिटायर इनकम टैक्स ऑफिसर राय रणविजय सिंह के सॉफ्टवेयर इंजीनियर पुत्र समरेश सिंह से हुई। समरेश सिंह सिंगापुर में सेटल हैं, वह एयरपोर्ट पार्टनर्स नाम की कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।

इससे पहले वे जीएमआर और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में इन्वेस्टमेंट बैंकर्स की जॉब कर चुके हैं। रोहिणी ने अपने पिता को सिंगापुर में अपना किडनी दिया था। सारण लोकसभा सीट लालू यादव और राबड़ी देवी से चुनाव लड़ने के बाद उनके समाधि चंद्रिका राय से भी राजीव प्रताप रूढ़ी चुनाव लड़ चुके हैं।

चुनाव में 2004 और 2009  में लालू यादव से चुनाव हारने के बाद छपरा से चार बार सांसद रह चुके राजीव प्रताप रूडी इस बार भी चुनाव मैदान में हैं। छपरा से सांसद रह चुके रूडी की लड़ाई हर बार लालू के परिवार से ही रही और इस बार भी उनकी लड़ाई लालू परिवार से ही हैं। इस लोकसभा सीट पर लालू यादव के बाद उनके परिवार का कोई दूसरा सदस्य चुनाव नहीं जीत पाया है।

लालू यादव 1977 के लोकसभा चुनाव में पहली बार सारण सीट से ही जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। 1996 के पहले इस सीट पर लालू का प्रभाव था। लेकिन, 1996 में भाजपा प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी ने जीत दर्ज कर लालू के गढ़ में सेंध लगाई। 1998 में हीरालाल राय ने उन्हें पराजित कर दिया। लेकिन, दो वर्षों बाद ही 1999 में हुए चुनाव में राजीव प्रताप रूडी दूसरी बार निर्वाचित हुए। 2004 में लालू रूडी को हराकर तीसरी बार सांसद बने। 2009 में भी रूडी लालू यादव के सामने पराजित हो गए।

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