तिरूवनंतपुरम, 24 सितंबर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता प्रकाश करात ने भारतीय जनता पार्टी पर केरल में ‘इस्लामोफोबिया’ (इस्लाम का भय फैला कर) के माध्यम से साम्प्रदायिक विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया।
साथ ही, माकपा नेता ने कैथोलिक समुदाय के लोगों से भगवा पार्टी के असली चरित्र से वाकिफ होने की अपील की।
सायरो मालाबार कैथोलिक चर्च के पाला डायोसिस के बिशप, जोसेफ कल्लारनगट द्वारा दिये गये हालिया भाषण का जिक्र करते हुए करात ने कहा कि उनके (बिशप) आरोप ने केरल के समाज में चिंता पैदा करने के साथ ही गलत संदेश दिया है।
बिशप ने दावा किया था कि गैर मुस्लिम समुदाय के युवाओं के खिलाफ ‘लव जिहाद और नार्कोटिक जिहाद’ का इस्तेमाल किया जा रहा है।
पार्टी के मुखपत्र देशाभिमानी में लिखे एक आलेख में माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य ने कहा कि पूरे राजनीतिक परिदृश्य में कथित जिहादी साजिश को नकारा गया है, लेकिन भाजपा बिशप के रुख के समर्थन में उतर आई और केंद्र सरकार से कथित जिहादियों की गतिविधियों के खिलाफ कानून बनाने की मांग कर डाली।
उन्होंने लिखा है, ‘‘भाजपा को, मुस्लिम और ईसाई समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने तथा इस्लामोफोबिया को हवा देने के लिए यह अच्छा अवसर प्रतीत हो रहा है।’’
करात ने कहा कि जहां तक केरल में कथित लव जिहाद की बात है, कुछ साल पहले 21 लोगों के अपने घर-परिवार छोड़ने और आतंकी संगठन आईएसआईएस-खुरासान में शामिल होने के लिए अफगानिस्तान जाने की घटना हुई थी। उनमें दो ईसाई युवतियां भी थी।
उन्होंने कहा कि इन दो ईसाई युवतियों का वहां धर्मांतरण कराये जाने और उन्हें चरमपंथ द्वारा प्रभावित किये जाने पर कैथोलिक चर्च की चिंता उचित है।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, ये छिटपुट घटनाएं हैं।’’
करात ने आरोप लगाया कि भाजपा-आरएसएस गठजोड़ मुस्लिमों पर अपना निशाना साध रहा है और तरकीब लगा कर ईसाई बिशप को अपनी ओर करने की कोशिश कर रहा है।
माकपा के वरिष्ठ नेता ने 1921 के मालाबार विद्रोह से जुड़े तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का भी संघ परिवार संगठनों पर आरोप लगाया।
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