जम्मूः कश्मीर के लिए यह अजीब संयोग कहा जा सकता है कि वर्ष 2014 में जब कश्मीर बाढ़ के पानी में डूबा था तो वह भी 3 सितम्बर और बुधवार का दिन था। यही नहीं तब मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री भी वही थे - उमर अब्दुल्ला और नरेंद्र मोदी। और बाढ़ का खतरा भी वैसा ही है। पानी सैंकड़ों घरों में घुस चुका था। हालांकि कश्मीर के संभागीय आयुक्त अंशुल गर्ग कहते थे कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार भारी बारिश से जल्द ही राहत मिलेगी और दोपहर तक इसमें कमी आएगी। अंशुल गर्ग ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कल रात से भारी बारिश हो रही है।
खासकर दक्षिण और मध्य कश्मीर में, जिससे राम मुंशी बाग और संगम में जल स्तर बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार दोपहर तक बारिश में कमी आनी चाहिए और शाम तक राहत मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण टीमों ने पहले से ही आपातकालीन व्यवस्था कर रखी है और बोन एंड जाइंट अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थानों पर रेत के बोरे रखे जा रहे हैं और यह काम कुछ घंटों में पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दक्षिण कश्मीर के निचले इलाकों में, ज़िला टीमें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं।
कुछ परिवारों को पहले ही स्थानांतरित कर दिया गया है। वैसे जम्मू कश्मीर के कई हिस्सों में लगातार भारी बारिश हो रही है, जिससे नदियां उफान पर हैं और कई ज़िलों में अचानक बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। राजौरी में लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं, जिससे अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहना पड़ा है। दो लोगों की मौत भी हो चुकी है।
इस बीच, डोडा के भलेसा व भद्रवाह इलाकों में दूसरे दिन भी मूसलाधार बारिश जारी रही, जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। लगातार बारिश के बीच, तवी नदी उफान पर है, जबकि श्रीनगर में झेलम नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। अधिकारियों ने बताया कि लगातार बारिश के बाद बुधवार को जम्मू संभाग के अखनूर इलाके में चिनाब नदी खतरे के निशान को पार कर गई।
जिससे एक मंदिर जलमग्न हो गया और क्षेत्र के कई गांवों का संपर्क टूट गया। एक अधिकारी ने बताया कि कोटली गांव के कई घरों में नदी के उफान पर आने से पानी भर गया, जबकि हमीरपुर में पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया, जिससे सड़क संपर्क टूट गया और गांव पूरी तरह से कट गया।
जम्मू (ग्रामीण) पुलिस ने एक सार्वजनिक सलाह जारी कर लोगों से नदी के किनारों से दूर रहने और बच्चों को घर के अंदर ही रहने का आग्रह किया है। अधिकारी बताया कि गरखाल ग्राम पंचायत में गुज्जर समुदाय के लगभग 40 सदस्यों के फंसने के बाद बचाव अभियान शुरू किया गया। प्रशासन ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए एक बड़ा बचाव अभियान शुरू किया है।
उन्होंने बताया कि स्थिति पर नजर रखने के लिए टीमें जमीन पर मौजूद हैं। दूसरी ओर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज सुबह लगातार बारिश से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। एक्स पर एक पोस्ट में, मुख्यमंत्री कार्यालय ने लिखा कि मुख्यमंत्री ने प्रशासन को जमीनी कार्रवाई तेज करने, जलभराव वाले इलाकों से पानी निकालने, आवश्यक सेवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, संवेदनशील क्षेत्रों से समय पर लोगों को निकालने और तत्काल राहत प्रदान करने के निर्देश दिए। पोस्ट में लिखा है कि माननीय मंत्री सकीना इट्टू ने जम्मू की स्थिति से अवगत कराया, जबकि माननीय मंत्री और मुख्यमंत्री के सलाहकार ने कश्मीर की स्थिति पर अपडेट प्रदान किए।