जम्मू: कश्मीर को शेष विश्व से जोड़ने वाला एकमात्र 300 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे एक बार फिर चर्चा में है। यह चर्चा एक दिवसीय ड्राई डे के कारण है, जनाब आप गलत समझ रहे हैं। आप शायद यह समझ रहे हैं कि एक दिन के ड्राई डे के दौरान इस हाईवे पर शराबबंदी होगी, ऐसा नहीं है। इस पर ड्राई-डे के दिनों में सिर्फ वाहनों को नहीं चलने दिया जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा आवश्यक मरम्मत कार्य के कारण जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर शनिवार रात से 24 घंटे के ट्रैफिक ड्राई डे घोषित किया गया है। नवयुग टनल-नाशरी के बीच एनएच-44 पर किसी भी एलएमवी/एचएमवी (चिकित्सा आपातकालीन वाहनों को छोड़कर) अन्य वाहनों को चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
नवयुग टनल और नाशरी के बीच यातायात 21 अक्तूबर की रात 12 बजे से 22 को रात 12 बजे तक बंद रहेगा। एसएसपी ट्रैफिक नेशनल हाईवे, लोक निर्माण (आरएंडबी) विभाग के संचार और जिला मजिस्ट्रेट रामबन की ओर से यह आदेश जारी किया गया है। लोगों से यातायात सलाह का पालन करने का अनुरोध किया गया है।
वैसे इस नेशनल हाईवे पर यह कोई पहला ड्राई डे नहीं है। इस साल 23 फरवरी को पहली बार इसे शुरू किया गया था। तब तीन दिनों के लिए इस पर ड्राई डे रहा था। उसके बाद तो इस पर कई महीनों तक प्रत्येक शुक्रवार को ड्राई डे घोषित कर वाहनबंदी कर दी गई।
दरअसल, इतने सालों की तमाम कोशिशों के बावजूद यह हाईवे परेशानी का सबब बना हुआ है जो न सिर्फ जानें ले रहा है बल्कि मुसीबतें भी ला रहा है। प्रशासन की कोशिश ऐसे ड्राई डे घोषित कर इसकी मुरम्मत का प्रयास किया जाता है पर बरसात और बर्फबारी सभी कोशिशों पर पानी फेर देती हैं।
इतना जरूर था कि इस साल 23 फरवरी को तीन दिनों के ड्राई डे के कारण चर्चा में आया जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे का चर्चाओं से पुराना नाता है। अतीत में भी कई बार यह चर्चा में रहा है। सर्दियों में बर्फबारी और बरसात में बारिश के कारण यह चर्चा में तो रहता ही है।
आतंकवाद की शुरूआत के साथ ही इस नेशनल हाईवे पर जब आतंकियों ने बारूदी सुरंगें लगा और लांचरों से हमले कर सैनिकों और नागरिकों को मारना आरंभ किया तो यह प्रतिदिन सुर्खियों में रहने लगा था।
इन हमलों में सैंकड़ों लोग जान गंवा चुके हैं। यह हमले फिलहाल रूके नहीं है पर इतना जरूर था कि उन्हें नाकाम बना दिया जाता रहा है। अफसोस इस बात का था कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा के लेथपोरा में इसी हाईवे पर हुए आज तक के सबसे भीषण आतंकी हमले को रोका नहीं जा सका था जिसमें 50 के करीब केरिपुब के जवानों की मौत हो गई थी।
अब इस पर रख रखाव और मुरम्मत के लिए कल यानि 22 अक्तूबर को वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लागू किया गया है। खबर यह नहीं है कि यह प्रतिबंध लागू कर उन हजारों लोगों के लिए परेशानी पैदा की गई है जिन्हें जम्मू से कश्मीर और कश्मीर से जम्मू का सफर करना है बल्कि खबर यह है कि इस रोडबंदी कह लिजिए या वाहनबंदी, को यातायात पुलिस ने ड्राई डे का नाम देकर इसे सुर्खियों लाकर चर्चा का विषय बना दिया है।
एक यातायत पुलिस अधिकारी के बकौल, जब इस पर कोई वाहन ही नहीं चलेगा तो उसे ड्राई डे ही कहा जाता है। यह फरवरी में पहली बार लगातार तीन दिनों के लिए भी लागू किया जा चुका है।
वैसे गैर सरकारी तौर पर कोरोना काल के दौरान हुए पहले लाकडाउन के अरसे में भी इस पर कई महीनों तक ड्राई डे रहा था। तब यह सुर्खियों में उस समय आया था जब इस पर चलने वालों को हाथों पर अनुमति की मुहर लगवा कर चलना पड़ा था और अब एक बार फिर यह चर्चा में है।